महिला अधिकारी के उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई के नाम पर सिर्फ तबादला, निर्णय लेने वाले सदस्यों को तलब किया गया

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज प्रार्थना भवन में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई के दौरान परिवहन विभाग के एक आरक्षक के निलम्बन तथा महिला बाल विकास विभाग की एक पर्यवेक्षक के निष्कासन की अनुशंसा की है।

आरक्षक के विरुद्ध उसकी पत्नी ने आयोग में शिकायत की थी। उसका महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ एक पर्यवेक्षक के साथ अवैध सम्बन्ध है, जिसके बारे में आरक्षक की पत्नी ने दस्तावेज भी सौंपे। महिला आयोग ने दोनों के कृत्य सिविल सेवा आचरण संहिता के विरुद्ध पाते हुए निलम्बित करने तथा विभागीय जांच की अनुशंसा की। आयोग की ओर से आरक्षक के सम्बन्ध में परिवहन मंत्री तथा विभाग के प्रमुख सचिव को लिखा जायेगा। आरक्षक की पत्नी के साथ उसका पुत्र भी आयोग के समक्ष पहुंचा था जिसने बताया कि वह अपनी दादी के साथ बलौदाबाजार में रहता है जबकि उसके अन्य दो भाई बहन महिला पर्यवेक्षक के साथ रहते हैं। आयोग के समक्ष आज अनावेदक पर्यवेक्षक नहीं पहुंची। महिला आयोग ने उसे भी निलम्बित करने तथा विभागीय जांच में आरोप सही पाये जाने पर सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की है।

महिला आयोग के समक्ष एक महिला अधिकारी उपस्थित हुईं जिसने कार्यस्थल पर प्रताड़ना की शिकायत की अपने विभाग की समिति के समक्ष की थी। उन्होंने कहा कि आंतरिक जांच समिति ने अनावेदक का सिर्फ स्थानांतरण कर दिया, यह पर्याप्त कार्रवाई नहीं है। आवेदक महिला अधिकारी ने कार्यस्थल पर प्रताड़ना की जांच प्रक्रिया फिर से प्रारंभ करने की मांग की। आयोग ने आंतरिक परिवाद समिति के सदस्यों की सूची मांगी है। आयोग की सुनवाई में उन्हें बुलाकर पूछताछ की जायेगी।

एक महिला का पति जेल में है। महिला ने बच्चों के भरण पोषण के लिये ससुर के खिलाफ शिकायत की। ससुर ने तब तक तीन हजार रुपये देने में सहमति जताई जब तक उसका बेटा जेल से बाहर नहीं आ जाता।

आज की सुनवाई में 23 प्रकरण आये, जिनमें से 4 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गये। आज 7 नये प्रकरण भी दर्ज किये गये। शेष मामलों की सुनवाई आगे की तारीख में की जायेगी।

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