बिलासपुर। कोटा राजस्थान के कोचिंग सेंटर्स से आकर गौरेला में रोके गये 15 छात्र-छात्राओं को आज बिलासपुर के जगदीश लॉज में बनाये गये क्वारांटाइन सेंटर में लाकर ठहरा दिया गया है। इन्हें अगले आठ दिन तक और क्वारांइटन में रखा जा रहा है। ये बच्चे बिलासपुर तथा आसपास के जिलों से हैं।

कोटा राजस्थान में छत्तीसगढ़ से कोचिंग के लिए गये अधिकांश बच्चे 23 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के बाद से वहीं फंसे हुए हैं। इन 15 छात्र-छात्राओं को कोटा के जिला दंडाधिकारी से अनुमति मिलने के बाद 13 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की सीमा पर एक बस में पहुंचे। इन बच्चों को अभी तक गौरेला स्थित एक आदिवासी छात्रावास में क्वारांटाइन पर रखा गया था जो पहले ही स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी दिये जाने के कारण खाली करा लिया गया था। इन बच्चों के स्वास्थ्य की जांच में दिक्कत न हो और अधिक सुविधाजनक माहौल मिले इसके लिए आज दोपहर बिलासपुर में लाकर क्वारांटाइन कर दिया गया है। यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। यहां उनके स्वास्थ्य की फिर जांच की गई, जिसमें सभी स्वस्थ पाये गये हैं। इन विद्यार्थियों में दो छात्राएं भी हैं। रोके गये छात्र-छात्राओं में बिलासपुर शहर के अलावा रायगढ़, बलौदाबाजार, जांगगीर व रायपुर के छात्र भी शामिल हैं। इन्हें अपने परिवार के लोगों से अभी मिलने की इजाजत नहीं है। इन सभी को सदर बाजार स्थित जगदीश लॉज में रखा गया है। यह लॉज साहित्यकार व समाजसेवी द्वारिका प्रसाद अग्रवाल का है। कोरोना संकट शुरू होने के बाद उन्होंने खुद से पहल करते हुए इसे जिला प्रशासन को आवश्यकतानुसार इस्तेमाल करने के लिए सौंप रखा है।

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बिलासपुर में छात्र-छात्राओं की शिफ्टिंग के समय होटल में मौजूद थे। नगर निगम के कार्यपालन यंत्री पंकज पंचायती नोडल अधिकारी के रूप में उनकी व्यवस्था को देख रहे हैं।

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