बिलासपुर। हसदेव के जंगलों को बचाने के लिए शहर में गांधी चौक से नेहरू चौक के बीच मानव श्रृंखला निर्मित की गई। बड़ी संख्या में अलग-अलग समाज के लोग व्यापारी, सराफा एसोसिएशन, चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन, आर्किटेक्ट एसोसिएशन, इंजीनियर एसोसिएशन,  होटल एसोसिएशन और भी अन्य अनेक संस्थाओं के लोग बिना किसी बैनर तले हसदेव को बचाने के लिए एकजुट हुए।

इस आंदोलन में कायस्थ समाज, सिंधी समाज, ब्राह्मण समाज व अन्य समाज के लोग एकजुट होकर मानव श्रृंखला बनाई। लोगों ने कहा कि वे हसदेव को बचाने के लिए आगे भी जन आंदोलनों से जुड़े रहना चाहते हैं। सरकार से मांग है कि हसदेव को जंगलों के काटने के लिए जो आदेश दिया गया है उसको वापस ले और हमारे हरे-भरे जंगलों को बचाएं। ज्ञात हो की हसदेव क्षेत्र के परसा कोल ब्लॉक में 5 लाख से अधिक पेड़ों को काटने की अनुमति राज्य शासन ने दी है। यह हाथियों का विचरण क्षेत्र है तथा अन्य वन्यजीव पाए जाते हैं। विगत दिनों में यहां पर बाघ की भी सूचना प्राप्त हुई है। यह आदिवासियों का मूल निवास है तथा यह क्षेत्र बिलासपुर और आसपास के जनजीवन के लिए बहुत उपयोगी है। हसदेव नदी से लाखों हेक्टेयर भूमि को सिंचित होने का कार्य यहां पर होता है सारे दृष्टिकोण से यह क्षेत्र बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। पूरे प्रदेश की जनता इसे बचाने के लिए आगे आ गई है। यह आंदोलन अब जब तक सरकार आदेश वापस नहीं लेती तब तक चलता रहेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here