बिलासपुर। जिले के अलग-अलग क्वारांटीन सेंटर्स से एक साथ पांच कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ आम लोगों को चिंता में डाल दिया है। इसके चलते जिले से ग्रीन जोन का दर्जा फिसल सकता है। ये सभी मामले प्रवासी मजदूरों के हैं जो हाल ही में उत्तरप्रदेश, दिल्ली और गुजरात से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में पहुंचे थे। सभी को संभागीय कोविड-19 अस्पताल में दाखिल कराया गया है जहां अब कुल 11 मरीजों का उपचार चल रहा है।

बिलासपुर जिले में कोरोना का एकमात्र केस दो माह पहले आया था। वह महिला दुबई से लौटी थी। अपोलो अस्पताल में उपचार के बाद काफी दिन पहले स्वस्थ हो चुकी है। इसके बाद कोरबा जिले के कटघोरा में पॉजिटिव केस आने के बाद बिलासपुर में उनके सम्पर्क में आये लोगों की जांच की गई थी, तब भी कोई केस पॉजिटिव नहीं पाया गया था। लेकिन कल एक साथ पांच सैम्पल की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। यह गौरतलब है कि सभी मामले अलग-अलग क्वारांटीन सेंटर से हैं, जिसके कारण आशंका है कि अभी और सैम्पल की रिपोर्ट आने पर मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।

तखतपुर के क्वारांटीन सेंटर्स से एक साथ चार मामले सामने आये हैं। मोहन वाटिका क्वाराटींन सेंटर से दिल्ली से लौटे एक मरीज (32 वर्ष) को 19-20 मई की रात उल्टी दस्त की शिकायत के बाद सिम्स चिकित्सालय में दाखिल कराया गया था। उसे कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। एक केस करनकापा के मजदूर (30 वर्ष) का है जो खम्हरिया सेंटर्स में रुका था। वह भी दिल्ली से लौटा था। बेलसरी क्वारांटीन सेंटर से भी पॉजिटिव पाया गया बेलसरी का रहने वाला मरीज (45 वर्ष) हरिद्वार से लौटा था। एक अन्य मरीज (35 वर्ष) ढनढन के क्वारांटीन सेंटर का है जो गुजरात से लौटा था। इनके अलावा मस्तूरी के सिलतरा क्वारांटीन सेंटर से पॉजिटिव पाया गया मरीज (40 वर्ष) लखनऊ से लौटा था। इन सभी का सैम्पल लेकर 17 मई को एम्स रायपुर परीक्षण के लिये भेजा गया था। क्वारांटीन सेंटर्स से अभी कई मरीजों का सैम्पल आना बाकी है। इसके अलावा पॉजिटिव पाये गये मरीजों के सम्पर्क में आने वाले यात्रियों का भी पता लगाकर उनका सैम्पल लेने का प्रयास किया जा रहा है।

बिलासपुर कोविड-19 अस्पताल में कोरबा जिले के दिल्ली से आये एक युवक का तथा जांजगीर के पांच मजदूरों का भी इस समय उपचार चल रहा है। जांजगीर के भर्ती तीन मरीजों की ताजा रिपोर्ट निगेटिव आने की जानकारी मिली है लेकिन जब तक उनका दुबारा टेस्ट निगेटिव नहीं आयेगा उन्हें अस्पताल से छुट्टी नही दी जायेगी।

जिले में शुरूआती दौर में कोरोना का एकमात्र प्रकरण आने के बाद कोई नया केस नहीं मिलने की वजह से इसे ग्रीन जोन में शामिल किया गया था। यहां दुकानों और बाजारों को अब शाम 6 बजे तक खोलने की अनुमति मिल चुकी है। एक साथ कोरोना के पांच मामले आने के साथ यहां कोरोना के और मामले आने की आशंका जताई जा रही है। जिले में 1066 क्वारांटीन सेंटर्स बनाये गये हैं और करीब 50 हजार में से 35 हजार मजदूरों के वापस लौटने की संभावना है। यदि और प्रकरण आते हैं तो जिले को मिला ग्रीन दर्जा भी खतरे में पड़ सकता है

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