बिलासपुर। उज्ज्वला होम के संचालक जितेन्द्र मौर्य को आज शाम सिविल लाइन पुलिस ने देह व्यापार, दुष्कर्म और छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इसके पहले पीड़ित महिलाओं ने आज मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। पुलिस को एक पूर्व महिला कर्मचारी की शिकायत भी मिली है, जिस पर जांच की जा रही है।

पुलिस ने उन तीन महिलाओं के मजिस्ट्रेट के सामने दिये गये बयान के आधार पर कार्रवाई की है, जो हुए एक हंगामे के बाद रविवार को वहां से निकलकर अपने घर चली गई थीं। पुलिस का कहना है कि सरकंडा इलाके की सीएसपी के सामने वीडियो पर दिये गये बयान में युवतियों ने दुष्कर्म और यौन प्रताड़ना का आरोप नहीं लगाया था, पर मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर युवतियों ने आरोपी जितेन्द्र मौर्य पर दुष्कर्म, देह व्यापार, छेड़छाड़, नशीली दवा देने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। इसके बाद इन सभी को पुलिस ने बुलाया और मजिस्ट्रेट के समक्ष आज दिन में इनका बयान दर्ज कराया गया। बयान में युवतियों ने प्रेस कांफ्रेंस में दिये गये बयान को दोहराया जिसके बाद रात 9 बजे उज्ज्वला होम के संचालक जितेन्द्र मौर्य को गिरफ्तार किया गया। पता चला है कि रायपुर से पहुंचीं महिला बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या मिश्रा ने भी वहां रह रही महिलाओं से अलग-अलग बात की थी, जिसमें अनैतिक गतिविधियों की पुष्टि हुई थी। उनके निर्देश पर उज्ज्वला होम को बंद कर महिलाओं को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया।

बिलासपुर पुलिस ने गुरुवार को चारों महिलाओं का ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष बयान दर्ज कराया। देर शाम को सभी महिलाओं का डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया और पहले से दर्ज धारा 342, 294, और 323 के साथ धारा 376, 354 और 34 को जोड़कर संचालक जितेंद्र मौर्य को गिरफ्तार कर लिया गया है ।

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर के उज्जवला गृह में दुष्कर्म और शारीरिक प्रताड़ना का मामला पहली बार बीते रविवार को सामने आया था । इससे एक दिन पहले शनिवार को एक युवती अपने पति से झगड़ा कर घर से निकल गई थी और राजकिशोर नगर स्थित उज्ज्वला गृह के आसपास भटक रही थी। तभी उसे एक महिला, उसके रहने और नौकरी दिलाने का भरोसा  देकर उज्जवला गृह छोड़ गई थी। दूसरे दिन उसका पति अपने परिवार के साथ जब उसे लेने उज्ज्वला गृह पहुंचा तो वहां अधीक्षक ने सबूत के तौर पर उनसे आधार कार्ड आदि की मांग की जिससे जबरदस्त विवाद हो गया। इसी बीच महिला के पति के साथ आए लोग उज्ज्वला गृह की प्रथम मंजिल तक पहुंच गए। वहां दो और महिलाओं ने उनसे देह व्यापार कराने और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुये उन्हें भी से छुड़ा ले जाने की गुहार लगाई। सरकंडा थाने में पहुंचकर उक्त पीड़ित महिला के पति ने घटना की जानकारी दी।

पुलिस तीनों महिलाओं को थाने ले आई जहां सीएसपी निमीषा पाण्डेय ने तीनों का बयान लिया। सीएसपी पाण्डेय ने बताया था कि तीनों युवतियों ने किसी किस्म के दुष्कर्म , शारीरिक प्रताड़ना व नशे की दवा देने जैसा कोई आरोप नहीं लगाया। पुलिस ने महिलाओं के बयान को रिकॉर्ड भी किया और दोनों पक्षों के खिलाफ गाली-गलौच और उज्ज्वला गृह मे बलात प्रवेश आदि धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया था । तीनों युवतियों ने उज्ज्वला होम की जगह घर भेजने की मांग की और उन्हें घर वापस भेज दिया गया।

मंगलवार को तीनों महिलाओं ने पत्रकारों के समक्ष पेश होकर गंभीर  आरोप लगाये जो पुलिस के दावे के विपरीत थे। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला गृह मे दुष्कर्म, शारीरिक प्रताड़ना और नशे की गोली खिलाना आम बात है। एक महिला ने उज्जवला गृह के संचालक जितेंद्र मौर्य पर दुष्कर्म का आरोप भी लगाया। उसने यह भी बताया कि संचालक उसे दूसरे युवकों के साथ बाहर भेजने की फिराक में था और मना करने पर उसे निर्वस्त्र रखकर शारीरिक प्रताड़ना दी गई ।

एक अन्य युवती ने बताया कि वह अपनी मां से विवाद होने के बाद वहां पहुंची थी । उसे खाने मे नशा मिलाकर दिया जाता था जिसके बाद वह गहरी नींद मे चली जाती थी मगर सुबह उठने पर उसका सारा शरीर टूटता था। उस महिला ने कहा कि उसे अपने साथ दुष्कर्म किए जाने का अंदेशा है ।

तीनों महिलाओं ने बताया कि हमने पुलिस को यह बात बताई थी लेकिन बड़ी मैडम (सी एस पी निमीषा पाण्डेय) ने कहा कि तुम्हें सिर्फ शारीरिक प्रताड़ना, भोजन नहीं देने की बात कहनी है और हमारा वीडियो उनके बयान के अनुसार ही रिकॉर्ड किया गया था।

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