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हवाई सेवा नहीं होने के कारण युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे; अखंड धरना में छात्रों ने कहा

बिलासपुर से हवाई सेवा शुरू करने की मांग पर अखंड धरना 11 दिसम्बर को 47वें दिन जारी रहा।

47वें दिन प्रतिभा पैनल परिवार, सतनामी समाज व कसौधन वैश्य गुप्ता समाज के पदाधिकारी धरने पर बैठे

बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का अखंड धरना आंदोलन को चलते हुए आज बुधवार को 47 दिन हो गए। आज डीपी विप्र महाविद्यालय का प्रतिभा पैनल परिवार, सतनामी समाज एवं छत्तीसगढ कसौधन वैष्य गुप्ता समाज के पदाधिकारी धरने पर बैठे।

एयरपोर्ट आंदोलन ने विभिन्न व्यवसायिक एवं सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी के साथ छात्र जगत भी बढ-चढकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। डी.पी.विप्र कॉलेज के प्रतिभा पैनल ने आज धरना आंदोलन में भाग लिया। पैनल के गोपाल दुबे एवं क्षितिज बैरागी ने कहा कि बिलासपुर का विकास एयरपोर्ट के बिना अधूरा है और इसके बिना पर्याप्त पूंजी निवेश न होने के कारण युवाओं को नये रोजगार नहीं मिल पा रहे हैं। एयरपोर्ट बनने से क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिलेगा और इसलिये ही छात्र जगत ने कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में साथ देने का निश्चय किया है। पैनल के ही निखिल जायसवाल ने कहा कि बिलासपुर के छात्र और युवा पहले भी रेल्वे जोन और हाईकोर्ट के लिये संघर्ष कर चुके हैं और आज हवाई सुविधा के लिये जारी इस आंदोलन में भागीदारी करने में बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेगें। आजकल कई इन्टरव्यू महानगरों में होते है और वहां अंतिम समय पर सूचना के साथ पहुंचने के लिये हवाई सुविधा ही एक मात्र सहारा है। मांग का समर्थन करने वाले छात्रों में शुभम सिंह, क्षितिज बैरागी, विकास राजपूत, जयेश केसरी, निखिल जायसवाल, प्रशांत मरावी, पुनिस भारद्वाज, आशीष साहू, सत्येन्द्र गुलेरी, गोपाल दुबे आदि उपस्थित थे।

सतनामी समाज ने पुनः अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर मांग का पुरजोर समर्थन किया। समाज के डॉं. बसंत अंचल एवं सी.एल.कुर्रे ने बताया कि वे विगत कई वर्षों से बिलासपुर एयरपोर्ट के लिये पत्राचार कर रहे हैं और आज पुनः इस आंदोलन के द्वारा मंच दिये जाने पर पूरा साथ अंतिम लक्ष्य तक देने की बात कहते हैं। मांग का समर्थन करते हुये दिनेश लहरे व फूलचंद लहरे ने कहा कि आज मध्यम वर्गीय लोगों के लिये भी हवाई सुविधा आवश्यकता की चीज बन गई है।  विभिन्न जगहों पर आने-जाने के लिए और पर्यटन के लिए बिलासपुर एयरपोर्ट अनिवार्य है। ऐसा होने पर अमरकंटक और अचानकमार में पर्यटन को बढावा मिलेगा। राजेश डहरिया, ललित कुर्रे, विक्की भारद्वाज, विशाल बंजारे, जी.पी.भास्कर, दीपक सोनवानी, अश्वनी कुमार बघेल, राजेन्द्र कुमार पात्रे, एम.पी.कुर्रे, आर.एस.खाण्डे, डी.पी.जांगडे, नीरज भास्कर, राहुल कुर्रे आदि ने भी इसका समर्थन किया।

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एयरपोर्ट आंदोलन में छत्तीसगढ कसौधन वैश्य गुप्ता समाज के प्रतिनिधियों ने शामिल होकर कहा कि एयरपोर्ट न होने के कारण रोजगार और व्यवसाय में बिलासपुर क्षेत्र कितना पिछडता जा रहा है। समाज के बसंत गुप्ता ने आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि हर सरकार रायपुर को ही पूरा छत्तीसगढ मानकर काम करती है और हम लगातार विकास की दौड़ में पिछडते जा रहे हैं। किशोरी गुप्ता एवं दीपक गुप्ता ने समिति के प्रयासों की सराहना करते हुये बिलासपुर से दिल्ली तक हर जगह आंदोलन की सहायता व सहयोग का वचन दिया। समाज के ही आशीष गुप्ता ने कहा कि 150-200 करोड़ रुपये की लागत के बिलासपुर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को ठण्डे बस्ते में डालना वस्तुतः हमारे खिलाफ एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। हम सभी को इस साजिश का अंत करना होगा। धरने में विष्णु गुप्ता, रेवती रमण गुप्ता, जगन्नाथ गुप्ता, बालाजी गुप्ता, परमेश्वर, राजेश गुप्ता, दीपक गुप्ता, कमल गुप्ता, मनोहर लाल गुप्ता, दिनेश कुमार गुप्ता, रामकिशोर गुप्ता, रामेश्वर गुप्ता, बद्री प्रसाद गुप्ता, महेन्द्र गुप्ता, रामायण प्रसाद गुप्ता, पवन कुमार गुप्ता, संतोष गुप्ता, प्रहलाद गुप्ता आदि भी शामिल हुए ।

आज के धरना आंदोलन में समिति की ओर बद्री यादव, संजय पिल्ले, अशोक भण्डारी, भुट्टो राज, रघुराज सिंह, विनोद गुप्ता, संतोष पिपलवा, पप्पू तिवारी, समीर अहमद, योगेन्द्र देवांगन, दीपक साहू, भुवनेश्वर शर्मा आदि शामिल हुए।  धरना आंदोलन के 48वें दिन 12 दिसम्बर को आशीर्वाद पैनल के प्रतिनिधि धरने पर बैठेगें।

 

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