बिलासपुर। रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर नगर पालिक निगम में कार्यशाला  रखी गई। इसमें निगम के इंजीनियर और कर्मियों को वाटर हार्वेस्टिंग विशेषज्ञ एवं भिलाई नगर निगम के वाटर हार्वेस्टिंग के नोडल अधिकारी मधुर चितलांगया और रायपुर के भू वैज्ञानिक के पाणिग्रही विशेष रूप से उपस्थित थे।

प्रदेश में दिनों दिन गिरते जल स्तर को देखते हुए शासन स्तर पर जल स्तर को बनाएं रखने के लिए विभिन्न उपाय बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं, जिनमें वाटर हार्वेस्टिंग प्रमुख है। निगम कमिश्नर प्रभाकर पांडे के निर्देश पर निगम ने शहर में प्रतिदिन 40 वाटर हार्वेस्टिंग का लक्ष्य रखा है। इसी परिपेक्ष्य में शुक्रवार को निगम के सभी इंजीनियर और वाटर हार्वेस्टिंग के कार्यो में संलग्न में निगम कर्मियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।

विशेषज्ञ चितलांगया ने प्रोजेक्टर के माध्यम से उपस्थित अधिकारियों को वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग बहुत ही सरल चीज है जिसे अपनाकर हम आने वाले जल संकट से निजात पा सकते हैं। वाटर हार्वेस्टिंग दो तरीके से किया जा सकता है, एक सतह के उपर और दूसरा सतह के नीचे। सतह के उपर में डैम,चेक डैम,तालाब,स्टाप डैम। इसके अलावा बरसात के पानी को संचय करके उसे सुव्यवस्थित तरीके से भूमि के अंदर डाला जाए। इससे भू गर्भीय जल स्तर हमेशा बना रहेगा, साथ ही घरों में मौजूद प्लाट में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किया जा सकता है। चितलांगया ने वाटर हार्वेस्टिंग के विभिन्न तरीकों को ग्राफिक्स डिजाईन के जरिए विस्तार से उपस्थित इंजीनियरों और कर्मियों को समझाया।

भू वैज्ञानिक के पाणिग्रही ने बिगड़ते जल स्तर के कारणों और बचाव पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में अधीक्षण अभियंता जी एस ताम्रकार, कार्यपालन अभियंता पी.के. पंचायती, राजकुमार मिश्रा, आर.एस चौहान, सहायक अभियंता सुरेश शर्मा, राजस्व अधिकारी विजय पांडे, उप अभियंता प्रिया सिंह, श्रीकांत नायर, भूमिका शास्त्री, मीनू भगत, दुर्गा कंवर, शिव गर्ग समेत समस्त इंजीनियर और राजस्व निरीक्षक उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here