ऑनलाइन दवा बिक्री के विरोध में शहर की दवा दुकाने बंद कराने निकले औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों और निजी डॉक्टरों के बीच झड़प में एक डॉक्टर के कान का पर्दा फटना बताया जा रहा है। इस घटना की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई गई है। कल की घटना के बाद दहशत में आए डॉक्टरों ने अपनी तथा अपने स्टाफ की सुरक्षा के लिए बाउंसर रखने की योजना बनाई है।
शहर के सभी डॉक्टरों ने आज कल औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों के हमले के विरोध में ओपीडी बंद कर रखी है। ऑनलाइन दवा बिक्री के विरोध में निकले औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने क्लीनिक में चलने वाली दवा दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया। इस दिन शहर के सभी दवा दुकानों व क्लीनिक को बंद कराया गया था। विक्रेता संघ के सदस्यों को डॉ जगबीर सिंह की क्लीनिक के खुले होने की जानकारी मिली। जब वे वहां पहुंचे तो क्लीनिक में,डॉक्टरों के अनुसार एक गंभीर मरीज का इलाज करने के लिए दवा दुकान से दवाई दी जा रही थी। इसका औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने विरोध किया साथ ही दवा दुकान में बैठने वाले कर्मचारी से हाथापाई की। शोरगुल सुनकर बाहर आए डॉ. सिंह से हड़तालियों ने मारपीट की, जिससे उनके कान का पर्दा फट गया।
इसी तरह से डॉ गिरी कि क्लीनिक में भी दवा दुकान के कर्मचारी से झूमाझटकी की गई। फिर देर रात आरोग्य अस्पताल में विवाद हुआ। इस मुद्दे पर आज आईएमए की बैठक रखी गई तो पता चला कि कई और डॉक्टरों से दुर्व्यवहार और कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई है।
कल देर रात डॉक्टर्स ने संघ के पदाधिकारियों के विरुद्ध सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज करा दी थी।
आज इस मुद्दे पर आईएमए ने बैठक रखी थी। बैठक के बाद वे सिविल लाइन थाने और एसपी कार्यालय पहुंचे। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. आर डी गुप्ता ने बताया कि 28 सितंबर को दवा बिक्री के विरोध में दवा दुकानें बंद कराने पहुंचे कुछ लोगों ने डाक्टरों के साथ गुंडागर्दी कर उसे पीटा है। इसके विरोध में आज ओपीडी बंद रखा गया है। उन्होंने कहा आईएमए इन घटनाओं का विरोध करता है। वे आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई चाहते हैं। उन्होने जानकारी दी कि आईएमए क्लीनिक और अस्पतालों में होटलों या अन्य स्थानों की तरह बाउंसर रखने पर विचार कर रहा है। कुछ दिनों में आईएम के बाउंसर अस्पतालों के चारों ओर घूमते दिखाई देंगे।
एसपी आरिफ एच शेख ने बताया कि डाक्टरों से मारपीट की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई गई है। एक डाक्टर के कान में चोट आई है जिसका एमएलसी भी कराया गया। जांच के बाद चोट के गंभीर होने का पता चलता है तो आरोपियों के खिलाफ लगी धारा बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में मारपीट की धारा 323, 506, 294 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इसके साथ ही पूरे मामले के विरोध में आज सुबह शहर के सभी क्लीनिक के ओपीडी बंद करके रखा है।