जिले में हर सप्ताह 9 थानों मे हो रही काउंसिलिंग, अब तक 1500 लोगों को मिला लाभ

बिलासपुर । पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के नेतृत्व में जिले में निजात अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान अन्तर्गत अवैध नशे के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई, व्यापक जन जागरूकता के साथ साथ काउंसलिंग और इलाज उपलब्ध करवा कर नशे से निजात दिलाई जा रही है। अब इस अभियान में अपचारी बालकों के लिए भी विभिन्न संस्थाओं के साथ काम किया जा रहा है।

काउंसलिंग विभिन्न एनजीओएस जैसे सक्षम, डाक्टरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से कराया जा रहा है। थानों में काउंसलिंग 9 जुलाई  2023 से चालू है और हर हफ़्ते रविवार को शहर के थानों में होता है। अभी तक 1500 से अधिक लोगों को काउंसलिंग की गई है। इन में से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें मानसिक चिकित्सा की ज़रूरत थी। उन्हें संबंधित डॉक्टरों को रेफर भी किया गया। इनमें से लाभान्वित कुछ युवकों के अनुभव पुलिस ने साझा किया है। युवकों के नाम उनकी सहमति से जाहिर किए गए हैं।

रिक्शा चलाने वाला 25 वर्षयी गेदले लहरे रोज 300 रुपये कमाता था। उस पैसे का गांजा, चरस, गुटका व शराब का सेवन कर वह पूरे दिन नशे में रहता था। शहर में निजात का पोस्टर देखने पर उसने सिविल लाइन पुलिस से संपर्क किया। हर सप्ताह काउसिलिंग के बाद अपने में काफी हद तक सुधार कर लिया है। अब वह काम भी बेहतर तरीके से करने लगा है। तारबाहर का 32 साल का समीन अहमद पिछले 7 वर्षों से नशा करता था। वह अन्य मजदुरो के साथ बुरे संगत में रहने लगा। नशे के कारण घर में हमेशा कलह होती थी। निजात के जागरूकता अभियान से प्रभावित होकर उसने काउसिलिंग कराई, जिसके चलते उसमे काफी सुधार आया। बाद में वह अन्य मजदूरों का उदाहरण बन चुका है।

इसी तरह सिरगिट्टी का अजय चाय की गुमटी में काम करता है। निजात की जागरूकता अभियान एवं डॉक्टर के परामर्श के बाद नशे को हमेशा के लिए त्याग कर वह अपनी जिंदगी को खुशहाली से जी रहा है। कोतवाली थाना क्षेत्र के विनोद साहू के घर में हमेशा नशे के कारण कलह रहती थी। उसके  दोस्त ने निजात के काउसिलिंग के बारे में बताया। वह नियमित रूप से काउसिलिंग में आने लगा। उसकी स्थिति में सुधार आया। इस परिवर्तन से उसका परिवार, दोस्त एवं मोहल्लेवासी काफी खुश हैं।

पेशे से ड्राइवर मिनी बस्ती का 27 वर्षीय मुकेश टंडन दिन रात नशे में धुत रहता था। वह सब प्रकार का नशा करता था। नशे के कारण उसका काम भी काफ़ी प्रभावित था और घर पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा था। निजात से संपर्क करने पर उस काउंसलिंग के बारे में बताया गया। काउंसलिंग के बाद उसकी स्थिति में काफी सुधार है। अब मुकेश कहता है कि निजात अभियान के बारे में वह अपने बस्ती में बाकी लोगों को भी जागरूक करेगा।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब बिलासपुर पुलिस, यूनिसेफ़ और सीएसजे के साथ दिशांत संगठन भी निजात अभियान से जुड़ गए हैं। इसके तहत एसे अपचारी बालकों को दिशान्त कक्ष, में काउंसलिंग के साथ अन्य मनोवैज्ञानिक उपकरण की मदद दी जाती है। इसका यह उद्देश्य है कि नशे में लिप्त अपचारी बालक समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके।

इसी तरह से शहर के अन्य कई लोगों को काउसिलिंग के जरिये नशे से निजात मिली है। कुछ लोग नशे से निजात पाने के राह में हैं। नशे में लिप्त लोग अपने आत्मविश्वास एवं दृढ संकल्प के कारण मुख्यधारा में वापस आ रहे हैं।

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