बिलासपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता व मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी ने आरोप लगाया है कि मुझे चुनाव लड़ने से रोकने के लिये सरकार हर हथकंडे अपना रही है। इसी के चलते 24 सितम्बर को एसटी, एससी, ओबीसी अधिनियम में चार संशोधन कर दिये हैं।

चुनाव के पहले ही सरकार मुझसे हार मान चुकी है- अमित – मुझे चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सरकार ने सभी हदें पार कर दी…

Amit Jogi यांनी वर पोस्ट केले रविवार, २७ सप्टेंबर, २०२०

जोगी ने एक बयान में कहा कि 2013 के इस अधिनियम में संशोधन अवैधानिक, मनमाना और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। सरकार मुझे मरवाही चुनाव लड़ने से रोकने के लिये सभी हदें पार कर रही है। जो चार संशोधन किये गये हैं उसके अंतर्गत अब जिला छानबीन समिति का गठन कलेक्टर कर सकेंगे। यह अधिकार पहले राज्यपाल के पास था। उसमें पांच सदस्य होंगे, जो पहले 6 होते थे। 15 दिन में जवाब नहीं मिलने पर समिति को एकपक्षीय फैसला लेकर प्रमाण पत्र निलम्बित करने का अधिकार होगा। उसके पास पहले प्रमाण पत्र रद्द करने का कोई अधिकार नहीं था। इसके अतिरिक्त चौथा संशोधन किया गया है कि बिना सतर्कता समिति गठित किये ही केवल कारण बताओ नोटिस के आधार पर प्रमाण पत्र निरस्त किया जा सकेगा। पूर्व में बिना सतर्कता समिति की पूरी जांच के राज्य समिति प्रमाण-पत्र निरस्त नहीं कर सकती थी।

पूर्व विधायक जोगी का कहना है कि इस संशोधन से पहले कानून की धज्जियां उड़ाई गई, पकड़े गये तो कानून को ही मनमाने तरीके से बदल दिया गया। इससे स्पष्ट हो गया है कि पूरी ताकत झोंकने और करोड़ों की घोषणा करने के बाद भी कांग्रेस ने चुनाव में अपनी हार मान ली है। जोगी ने कहा कि हालांकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुसार इन चारों संशोधनों का पूर्ववर्ती प्रक्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता। सरकार पर मरवाही की जनता का प्यार भारी पड़ रहा है।

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