रायपुरः प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिए संचालित की जा रही नरवा विकास योजना के तहत वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा जल-स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में कैम्पा मद के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 137 नरवा का चयन कर 160.95 करोड़ रूपए की लागत से 31 वन मण्डल, एक राष्ट्रीय उद्यान, दो टाइगर रिजर्व, एक एलीफेंट रिजर्व, एक सामाजिक वानिकी क्षेत्र में कुल 12 लाख 56 हजार भू-जल संरचनाओं में से 10 लाख 77 हजार संरचनाएं निर्मित की जा चुकी है। इस प्रकार 86 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, इससे 3 लाख 12 हजार हेक्टेयर भूमि उपचारित हुई है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल अपने निवास कार्यालय से नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा मद के वर्ष 2020-21 के लिए स्वीकृत कार्यों में 209 करोड़ रूपए की राशि से बनने वाले भू-जल संरक्षण और संवर्धन से संबंधित संरचनाओं के निर्माण का शुभारंभ किया। इन कार्यों में कैम्पा मद से प्रदेश के 3 टाइगर रिजर्व, 2 नेशनल पार्क और 1 एलीफेंट रिजर्व के 151 नालों में नरवा विकास के कार्य किए जाएंगे।नरवा विकास योजना के तहत वर्ष 2020-21 कैम्पा मद से स्वीकृत कार्यों के सबंध में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरिया वन मण्डल के 70 नालों को 15 करोड़ 83 लाख रूपए की लागत से उपचारित किया जाएगा। इसी प्रकार कवर्धा वनण्डल के 69 नालों को 14 करोड़ 34 लाख रूपए, सूरजपुर वन मण्डल के 61 नालों को 6 करोड़ 10 लाख रूपए, बलरामपुर वन मण्डल के 60 नालों को 10 करोड़ 31 लाख रूपए, मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल के 58 नालों को 7 करोड़ रूपए की लागत से, जीजीएसएनपी (सरगुजा) के 42 नालों को 4 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से, जशपुर वन मण्डल के 42 नालों को 7 करोड़ 37 लाख रूपए, इसी प्रकार महासमुन्द वन मण्डल में 42 नालों को 7 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से, बलौदाबाजार वन मण्डल के 47 नालों को 9 करोड़ 82 लाख रूपए, गरियाबंद वन मण्डल के 37 नालों का 5 करोड़ 40 लाख रूपए, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के 10 नालों को 1 करोड़ 76 लाख रूपए की राशि से उपचारित किया जाएगा।

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