बड़ी संख्या में लोग जुटे, कहा- खदानों के अधिकारिक तौर पर निरस्त होने तक संघर्ष चलेगा

रायपुर। हसदेव अरण्य में कोयला खदानों को दी गई स्वीकृति के विरोध में लगातार आंदोलन चल रहा है। आज धरना प्रदर्शन को 275 दिन पूरे गए। बड़ी संख्या में लोगों ने धरना स्थल में एकत्र होकर आंदोलन को नई ऊर्जा के साथ व्यापक करने का संकल्प लिया।


हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक एवं पतुरियाडांड के सरपंच उमेश्वर आर्मो ने कहा कि राज्य सरकार ने परसा खदान की वन स्वीकृति को निरस्त करने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को पत्र लिखा है। राज्य सरकार ने व्यापक जान आक्रोश को संज्ञान में लिया है लेकिन फर्जी ग्राम सभा और पर्यावरणीय चिंताओं के कोई उल्लेख नहीं किया। वे स्वयं ही अंतिम वन स्वीकृति निरस्त कर सकते हैं और परसा को रद्द कर सकते हैं। जब तक हसदेव अरण्य की सभी खदानें आधिकारिक रूप से निरस्त नहीं की जाती, यह आंदोलन सतत् चलता रहेगा।

साल्ही गांव से रामलाल करियाम ने कहा कि यह वर्ष समाप्त होने को है और आंदोलन में सामूहिक रूप से इकट्ठा किया गया, अनाज भण्डार भी। हमने इस वर्ष के धान की कटाई पूरी कर ली है। आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हमने हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के अन्न भण्डार को वापस भरना शुरू कर दिया है।

फत्तेपुर से मुनेश्वर पोर्ते ने कहा कि हमारे आंदोलन को कमजोर करने लगातार कंपनी और प्रशासन फर्जी एफआईआर करा रही है। लेकिन इन हथकंडों से हम कमजोर नहीं होंगे बल्कि आंदोलन भी तेज होगा। व्यापक जान समर्थन इस संघर्ष के साथ जुड़ा है। उन्होंने कहा कि हसदेव अरण्य को बचाने नए साल में अगले महीने समिति छत्तीसगढ़ के सभी जनवादी संघर्ष करने वालों और प्रकृति प्रेमियों से हसदेव में जंगल बचाने सम्मेलन में शामिल होने का आह्वान करेगी।

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