बिलासपुर । हाईकोर्ट ने अरपा अर्पण महाअभियान समिति की जनहित याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की हैं। मामले की सुनवाई 5 जुलाई को होगी।

अरपा अर्पण महाअभियान समिति ने हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत अपनी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी अरपा नदी में की जा रही रेत की अवैध खुदाई नहीं रुक रही है। साथ ही नदी से जलकुंभी भी नहीं निकाली जा रही है। इससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा व जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व बिलासपुर नगर निगम से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने कहा है।

हाईकोर्ट ने अपने पिछले आदेश पर क्या कार्रवाई की गई है़? इसकी वर्तमान स्थिति की जानकारी नगर निगम बिलासपुर और राज्य शासन को प्रस्तुत करने के आदेश दिए है। अगली सुनवाई 5 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी। अरपा अर्पण महाअभियान समिति ने अधिवक्ता अंकित पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की हैं। याचिका में बताया गया है कि अरपा नदी से मापदंडों और नियमों का पालन किए बिना अवैध रेत खनन किया जा रहा हैं। इससे अरपा नदी को नुकसान पहुंच रहा हैं। उसका इको सिस्टम चौपट होने से नदी सूख रही हैं। इसके साथ ही शासन को राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है। अरपा में जो उत्खनन हो रहा है उसमें धारणीय रेत खनन प्रबंधन गाइड लाइन 2016 का पालन नहीं किया जा रहा है। मामले में कोर्ट ने पहले राज्य शासन, खनिज विभाग, बिलासपुर नगर निगम को नोटिस जारी किया था। बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि अदालत द्वारा 23 फरवरी 2021 को जारी किए गए अंतरिम आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। इसी प्रकार नदी में कुछ जगह पनप रही जलकुंभी को हटाने की दिशा में भी अभी काम बाकी है। सुनवाई के बाद कोर्ट में नगर निगम बिलासपुर से जलकुंभी के संबंध में रिपोर्ट और राज्य शासन व नगर निगम दोनों से अंतरिम आदेश के बारे में हो रही कार्रवाई के लिए स्टेटस रिपोट पेश करने के आदेश दिए।

हाईकोर्ट ने कलेक्टर व एसपी को निगरानी करने कहा था

23 फरवरी को सुनवाई के दौरान नगर निगम बिलासपुर ने लिखित जवाब प्रस्तुत किया था। निगम ने अवैधानिक खनन के संबंध में कुछ नहीं बताया था। युगलपीठ ने याचिकाकर्ता की मांग पर अवैधानिक और बिना मापदंडों के चल रहे खनन पर एक अंतरिम आदेश जारी किया था। कलेक्टर बिलासपुर को निर्देशित किया था कि जिस भी स्थान पर इस प्रकार का अवैधानिक काम किया जा रहा है उस पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जाए। इस काम में पुलिस प्रशासन का भी सहयोग वांछित मानकर हाईकोर्ट ने एसपी बिलासपुर को भी इस संबंध में जिला प्रशासन के साथ मिलकर निगरानी करने कहा था।

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