बिलासपुर। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गठन के एक दशक पूरे होने के अवसर विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता की उपस्थिति में 17 जनवरी को सांस्कृतिक संध्या रजत जयंती सभागार में रखी गई। कार्यक्रम का उद्घाटन द्वीप प्रज्ज्वलन, मां सरस्वती की प्रतिमा एवं गुरु घासीदास के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कुलपति प्रो. गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों जोड़ने की यह एक नई पहल है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अपनी व्यस्त दिनचर्या से थोड़ा समय निकालकर सांस्कृतिक संध्या के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करने का यह अच्छा अवसर सिद्ध होगा।

सबसे पहली प्रस्तुति विश्वविद्यालय के अभिनर्तन समूह की छात्रा निकिता दास के द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई। विश्वविद्यालय के आधिकारिक संगीत समूह तंरग द्वारा शाम-ए-यमन प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात तरंग बैड और नॉन टीचिंग स्टाफ ने शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें फ्यूजन की झलक देखने को मिली। साबरी बंधुओं के सूफी कलाम छाप तिलक सब छीनी के साथ कई गानों को जोड़कर प्रस्तुत किया गया। अभिनर्तन समूह की छात्रा ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी।

कक्ष अधीक्षक संजय वर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता, सीएसआईटी के सहायक प्राध्यापक अमितेष झा, प्रबंध एवं वाणिज्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. मनीष श्रीवास्तव, सपन मार्टिन, रघुवर दास वैष्णव व सुनील पाठक ने मुकेश, किशोर कुमार व मो. रफी के सदाबहार गीतों से समां बांधा। प्राकृतिक संसाधन विद्यापीठ के प्रो. वी डी रंगारी ने हैलो ज़िन्दगी कविता का स्वसर पाठ किया।

कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेन्द्र कुमार मेहता, सह-प्राध्यापक एवं डॉ. भास्कर चौरसिया, सहायक प्राध्यापक, ग्रामीण प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक विकास विभाग ने किया।

इस आयोजन का खास आकर्षण रहा कि विश्वविद्यालय के सभी वर्गों ने एक मंच पर एक साथ एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

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