बिलासपुर। निःशक्तजनों के साथ गैर बराबरी का व्यवहार या दुर्व्यवहार करना एक दंडनीय अपराध है। निःशक्त भी एक सामान्य व्यक्ति की तरह गरिमा के साथ जीवन के और सत्यनिष्ठा के लिये सम्मान के अधिकार का उपयोग करें। यह सरकार सुनिश्चित करेगी। कार्यशाला में यह जानकारी दी गई।
निःशक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 के धारा 92 में निःशक्तजनों के साथ दुर्व्यवहार के लिये दंडित प्रावधानों तथा सामान्य नागरिकों के समान उत्तम व्यवहार करने के संबंध में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। समाज कल्याण विभाग एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रार्थना भवन में संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यशाला में प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के सचिव उमेश उपाध्याय विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर होने सामान्य बच्चों की तरह जीवन जीने के लिये प्रेरित किया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अवर सचिव श्वेता श्रीवास्तव ने कहा कि समाज में निःशक्तों को उनका अधिकार दिलाने में विधिक सेवा प्राधिकरण मदद करता है। हर गांव में लीगल एड क्लीनिक स्थापित किया गया है। जहां पैरालीगल वालिंटियर्स कार्य कर रहे हैं। वे दिव्यांगों को उनका अधिकार दिलाने में मदद करते हैं। निःशक्तजन किसी भी न्यायालय में जाकर मदद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि जागरूक होकर ही अपने अधिकारों को प्राप्त किया जा सकता है।
कार्यशाला में समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक एच.एस.खलखो ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जिले में 10 हजार व्यक्ति 40 प्रतिशत से कम निःशक्तता वाले और 26 हजार व्यक्ति 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता वाले निवास करते हैं। सभी दिव्यांगों का यूनिक आईडी कार्ड बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह उनके लिये आधार कार्ड की तरह ही काम करेगी। जिले में 85 शासकीय एवं सार्वजनिक भवनों को निःशक्तों के लिये बाधारहित बनाने हेतु सर्वे किया गया है। चिन्हांकित भवनों में कमियां दूर करने के लिये इस्टीमेट बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
कार्यक्रम में डीएसपी सुरजन सिंह ने निःशक्तों के अधिकारों के संरक्षण के लिये पुलिस विभाग की भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यशाला को समाजसेवी सत्यभामा अवस्थी, ममता मिश्रा, वीणा अग्रवाल, सहायक संचालक उच्च शिक्षा अर्चना पाण्डेय, सर्व शिक्षा अभियान के सहायक समन्वयक अखिलेश तिवारी आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रशांत मुकासे ने किया।
इस अवसर पर निःशक्त अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के बारे में ब्रेल लिपि में प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यशाला में एनटीपीसी के अरूण बोखड़, उप नियंत्रक ब्रेल प्रेस आर.के.पाठक, जिला पुनर्वास अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी निःशक्तों के लिये संचालित विद्यालयों के शिक्षक, छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।

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