सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में डॉ. विक्रम साराभाई जन्म शताब्दी वर्ष पर अंतरिक्ष प्रदर्शनी का आयोजन 16 व 17 दिसम्बर को

बिलासपुर। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय एवं इसरो हैदराबाद  साथ मिलकर विश्वविद्यालय में डॉ. विक्रम साराभाई के जन्म शताब्दी वर्ष पर 16 एवं 17 दिसम्बर को अंतरिक्ष प्रदर्शनी, व्याख्यान, सेटेलाइट मॉडल्स, लॉन्च व्हीकल मॉडल्स, प्रदर्शनी बस, वीडियो शो, अंतरिक्ष विज्ञान क्लब गतिविधि, सेल्फी कॉर्नर एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण चलित अंतरिक्ष प्रर्दशनी बस ‘‘स्पेस ऑन व्हील्स‘‘ का रहेगा। इस बस में जहां चंद्रयान -2 की झलक रहेगी, वहीं मंगलयान जीवंत देख सकेंगे।

इस दो दिवसीय आयोजन के संबंध में कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता व आउटरीच फेसिलिटी एनआरएससी हैदराबाद की महाप्रबंधक डॉ. राजश्री बटाले ने विश्वविद्यालय के प्रशासननिक भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में आज जानकारी दी। इस दौरान छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के डॉ. प्रशांत व डॉ. अमित दुबे भी उपस्थित थे।

प्रारंभिक उद्भोधन में मीडिया प्रकोष्ठ की प्रभारी प्रतिभा जे. मिश्रा ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में अंतरिक्ष विज्ञान पर प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है।

कुलपति  प्रो. गुप्ता ने बताया कि सन् यह डॉ. विक्रम साराभाई का जन्म शताब्दी वर्ष है, जिसे इसरो द्वारा धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसके लिए देश के 100 मेजबान संस्थान तय किये गये हैं, जिनमें यह विश्वविद्यालय भी शामिल है। यहां डॉ. विक्रम साराभाई व्याख्यान, अंतरिक्ष प्रदर्शन, वाटर रॉकेट लॉन्चर, सेल्फी कॉर्नर एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। वर्तमान में इस विश्वविद्यालय में लगभग साढ़े आठ हजार छात्र अध्ययनरत हैं। विश्वविद्यालय की अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी विद्यापीठ में सात विभाग हैं। बहुत सारे छात्र-छात्राओँ की वैज्ञानिक अभिरुचि है, जिनके लिए इसरो का यह कार्यक्रम उपयोगी होगा। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस संबंध में जिले के सभी स्कूलों से समन्वय किया गया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने भी स्कूलों को पत्र लिखकर इस कार्यक्रम की जानकारी दी है, ताकि अधिकाधिक स्कूली छात्र अंतरिक्ष प्रदर्शनी एवं विभिन्न मॉडलों का अवलोकन कर सकें।

डॉ. राजश्री बटाले ने कहा कि कि डॉ. विक्रम साराभाई जन्म शताब्दी पर इसरो का कार्यक्रम 12 अगस्त को अहमदाबाद (गुजरात) से प्रारंभ हुआ जो डॉ. साराभाई की जन्म स्थली है। कार्यक्रम का समापन 12 अगस्त, 2020 को केरल के त्रिवेंद्रम में होगा जहां उन्होंने अंतिम सांस ली थी।

इस दौरान वर्षभर देश के सौ चयनित स्थानों में अंतरिक्ष विज्ञान संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसरो के अधिकांश कार्यक्रम जनमानस के लिए हैं। डॉ. विक्रम साराभाई का मानना था कि आम जनता के लिए कार्यक्रम बनाना चाहिए। छात्रों एवं आम लोगों को अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रति जागरूक करने के लिए इसरो ने कुल छह बसें बनाई हैं, जिसे स्पेस ऑन व्हील्स नाम दिया गया है। डॉ. बाथले ने कहा कि इसरो द्वारा ली गई विश्वविद्यालय की सैटेलाइट इमेज भी प्रदर्शनी में लगाई जाएगी। उन्होंने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के डॉ. प्रशांत एवं डॉ. अमित दुबे के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन

16 एवं 17 दिसम्बर को अंतरिक्ष प्रदर्शनी, व्याख्यान, सेटेलाइट मॉडल्स, लॉन्च व्हीकल मॉडल्स, प्रदर्शनी बस, वीडियो शो, अंतरिक्ष विज्ञान क्लब गतिविधि, सेल्फी कॉर्नर एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें जिले के विभिन्न विद्यालयों से लगभग 10 हजार छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। वहीं जिले के लगभग 25 हजार लोग इस प्रदर्शनी, स्पेस ऑन व्हील्स बस एवं विभिन्न मॉडल्स का अवलोकन करेंगे।

उद्घाटन समारोह 16 दिसंबर को सुबह 10 बजे रजत जयंती सभागार में आयोजित है। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. प्रकाश चौहान, निदेशक, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, देहरादून होंगे। विशिष्ट अतिथि डॉ. राजश्री बटाले, महाप्रबंधक, आउटरीच फेसिलिटी, एनआरएससी, हैदराबाद उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता करेंगी। कार्यक्रम में इसरो के वैज्ञानिक आई.वी. रमन्ना, ए.एस. अरविंद, प्रशांत अंगरख, तुषार वानखेड़े, सी.एच. बालाजी, वरुण पांडेय सहित अनेक वैज्ञानिक उपस्थित रहेंगे।

इसके तहत आयोजित व्याख्यान एवं प्रदर्शनी में जिले के विभिन्न विद्यालयों के छात्र -छात्राएं भाग लेंगे। राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र, इसरो, हैदराबाद द्वारा डॉ विक्रम साराभाई जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर के चयनित विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों आदि में छात्र छात्राओं को इसरो के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी एवं प्रोत्साहित करने हेतु प्रदर्शनी एवं व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तत्वावधान में प्रदेश में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के माध्यम से दो स्थानों का चयन किया गया जिसमें बिलासपुर के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय का चयन किया गया है। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय डॉ विक्रम साराभाई जन्म शताब्दी कार्यक्रम एवं व्याख्यान एवं प्रदर्शनी का आयोजन 16 तथा 17 दिसम्बर, 2019 को करेगा। प्रदर्शनी में वॉटर प्लांट सहित विभिन्न मॉडलों का प्रदर्शन किया जाएगा जिससे छात्र-छात्राओँ एवं आम लोगों में वैज्ञानिक अभिरूचि जागृत हो साथ ही जल के उचित संसाधन किये जाने की जानकारी प्राप्त हो।

यहां इसरो के डायरेक्टर्स अपने लेक्चर के दौरान वे इसरो की ताकत बताएंगे। इसरो के अब तक के प्रोजेक्ट व उनमें मिली सफलता शेयर करेंगे।

स्पेस एग्जीबिशन के जरिये इसरो के द्वारा अब तक के मिशन में मिले तथ्यों को समझना आसान हो जाएगा। इसमें चांद से लेकर मंगल तक में समेटे राज के आम लोगों के सामने होंगे। कार्यक्रम आम लोगों के लिए भी सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के तक खुला रहेगा। इसरो की स्पेस ऑन व्हील्स बस जिसमें अंतरिक्ष विज्ञान संबंधी विभिन्न उपकरण, मॉडल्स, वीडियो एवं फोटो उपलब्ध रहेंगे सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक विश्वविद्यालय परिसर स्थित विभिन्न विभागों में भ्रमण करेगी।

पीएसएलवी और जीएसएलवी, एसएलवी सहित तमाम लॉन्च व्हीकल मॉडल के साथ अब तक अंतरिक्ष में भेजे गए छोट-बडे़ सैंटेलाइट एक छत के नीचे रखे जाएंगे।

वीडियो शो से बताया जायेगा कि आखिर चंद्रयान ने आर्बिट को पार कर क्या परखा। इस शो में इसरो से लॉन्च हुए सभी मिशन की फिल्म दिखाएंगे।

सेल्फी कार्नर में इसरो के रॉकेट सैटेलाइट के साथ एक बढि़या सेल्फी ली जा सकेगी।

बच्चे इसरो के पेंटिंग, क्विज और रंगोली प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेंगे। इनमें शामिल होने वाले हर बच्चे को प्रमाण-पत्र मिलेगा। चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा छठवीं से आठवीं तक के छात्र व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे। इस प्रतियोगिता के लिए इसरो, अंतरिक्ष एवं डॉ. विक्रम साराभाई में से कोई एक विषय चुनना होगा। चित्रकला प्रतियोगिता की अवधि एक घंटे की होगी। इसके लिए प्रतिभागियों को ए3 ड्राइंग शीट उपलब्ध कराई जाएगी। चित्रकला हेतु सामग्री प्रतिभागियों को स्वयं लाना होगा।

रंगोली प्रतियोगिता के प्रतिभागी इसरो, अंतरिक्ष या डॉ. विक्रम साराभाई में से कोई एक विषय चुन सकेंगे। इसमें कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं के छात्र तथा महाविद्यालयीन/विश्वविद्यालयीन छात्र व्यक्तिगत रूप से भाग ले सकेंगे। इसकी अवधि एक घण्टे की होगी। रंगोली की सामग्री प्रतिभागियों को स्वयं लानी होगी।

आयोजन समिति के समन्वयक विश्वविद्यालय के डॉ. एम.सी.राव हैं। साथ ही विभिन्न विभागों क प्राध्यापकों व स्टाफ द्वारा इस दो दिवसीय आयोजन की तैयारी की जा रही है।

 

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