सांसद साव ने विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरण से चर्चा की

बिलासपुर। विदेश में पढ़ रहे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति भारत सरकार गंभीर है। सरकार उनकी सकुशल स्वदेश वापसी के लिए हर संभव उपाय पर गंभीरता से विचार कर रही है।

उक्त बातें केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री व्ही. मुरलीधरण ने सांसद अरुण साव से चर्चा के दौरान कही। स्थानीय अभिभावक श्रीधर गौरहा, अनिल गुप्ता आदि ने साव को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है कि रूस के प्रमुख शहर पर्म में लगभग 1250 भारतीय बच्चे अध्ययनरत हैं।  इनमें से 450 बच्चे छत्तीसगढ़ राज्य के हैं। इनमें 35 बच्चे बिलासपुर जिले के हैं। रूस वर्तमान में करोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके कारण सभी अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा एवं स्वदेश वापसी को अत्यंत चिंतित हैं। अभिभावकों ने कहा कि वर्तमान में रूस सहित अन्य देशों में कोविड-19 के संक्रमण के कारण सभी मेडिकल यूनिवर्सिटी बंद हैं। नियमित कक्षाएं, असाइनमेंट, टेस्ट  ऑनलाइन पद्धति से चल रहे हैं। इस कारण बच्चों को हॉस्टल या होटल में ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है। जिस तरह कोरोना पीड़ितों की संख्या वहां दिनों-दिन बढ़ रही है, विद्यार्थी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत आकर ये बच्चे ऑनलाइन पद्धति से अपनी पढ़ाई  जारी रख सकें, इस दिशा में उपाय किए जाने चाहिए।

अभिभावकों के निवेदन पर आज साव ने इस मुद्दे पर विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरण से चर्चा की। उन्होंने रशिया, यूक्रेन सहित अन्य देशों में अध्ययनरत छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों की समस्याओं से अवगत कराया। साथ ही विद्यार्थियों की सकुशल स्वदेश वापसी के लिए निवेदन किया। इस पर विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि अभिभावकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार विदेश में रह रहे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की निरंतर जानकारी ले रही है। वर्तमान में बच्चों की सुरक्षा एवं सकुशल स्वदेश वापसी को लेकर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। शीघ्र ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

आमतौर पर जून में 2 माह की छुट्टी पर लौटते हैं विद्यार्थी

विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को साल में एक बार दो महिनों की छुट्टी पर भारत लौटने का मौका मिलता है। आमतौर पर ये छुट्टियां जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई-प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाती हैं, जो अगस्त-अंतिम सप्ताह या सितम्बर-प्रथम सप्ताह तक खत्म होती हैं। भारत आने और विदेश लौटने के लिए प्रायः सभी विद्यार्थी  महीनों पहले फ्लाइट की टिकटें बुक करा लेते हैं, जिससे उन्हें अधिक कीमत ना चुकानी पड़े। मौजूदा वक्त में लगभग सभी एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी सभी फ्लाइट्स व टिकटों की प्री बुकिंग बंद कर रखी हैं। इससे विद्यार्थियों की चिंता बढ़ गई है।

मजदूरों की घर वापसी के लिए सीएम को लिखा पत्र

सांसद साव ने देश के विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी के लिए समुचित व्यवस्था बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर आग्रह किया है।  पत्र में सांसद ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़ आदि के मजदूर बड़ी संख्या में लखनऊ, इलाहाबाद, आगरा, कानपुर, भोपाल, पुणे, अहमदनगर, हैदराबाद, सिंकदराबाद आदि स्थानों पर  फंसे हुए हैं। रोजी-रोजगार बंद होने के कारण उनके समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो गई है। मजदूरों का कई जत्था लंबी दूरी के सफर पर पैदल ही निकल पड़ा है, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए इन मजदूरों की सुरक्षित छत्तीसगढ़ वापसी के लिए ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

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