उद्यमियों के लिए आइसेक्ट ग्रुप का दो दिवसीय कांफ्रेंस

बिलासपुर।आइसेक्ट की ओर से उद्यमियों के लिए दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की जानकारियां दी गई और नई तकनीक कौशल विकास सहित विभिन्न पहलुओं से भी  अवगत कराया गया। कांफ्रेंस मे मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि भारत गांव में बसता है, और ग्रामीण जीवन शैली ही एक आदर्श जीवन शैली है। आज परंपरागत कौशल को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष में छत्तीसगढ़ शासन के किसानों के जन कल्याणकारी योजनाओं के कारण छत्तीसगढ़ में 20 हजार ट्रैक्टर से अब 1लाख 10 हजार ट्रैक्टर हो गए हैं। आज कौशल क्षेत्र को व्यापक बनाने की आवश्यकता है। केवल कमप्यूटर ही कौशल नहीं है, आज ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग, ट्रैक्टर में लगने वाले हल आदि जैसे उपकरणों को ठीक करने की  ट्रेनिंग करने की आवश्यकता है। जब सोने की कीमत 17 रुपये तोला थी,  तब लोहार की कमाई 300 रुपये थी और छत्तीसगढ़ में लोहारों के द्वारा उच्च कोटि के लोहा बनाया जाता था, यहाँ के बुनकरों की विशेष पहचान थी। जब अंग्रेज आए तो यह स्वालंबन सिस्टम खत्म हो गया। आज ऐसे कौशल को पुनः स्थापित करना आवश्यक हो गया है। इसी अवधारणा को लेकर  छत्तीसगढ़ शासन गांव गौठान के माध्यम से ग्रामीण औधोगिक पार्क स्थापित किया जा रहा है, आज गाँव गाँव में महिलाएं अनेकों उत्पाद तैयार कर रहीं हैं। आज लगभग 10000 गौठान सक्रिय रुप से स्थापित हो गए हैं। आज विडंबना है कि 80 प्रतिशत लोगों के पास 20 प्रतिशत जमीन है और

20 प्रतिशत लोगों के पास 80 प्रतिशत जमीन है। इसलिए इन 80 प्रतिशत लोगों के हुनर और कौशल को समृध्द करने की आवश्यकता है, और इसका बीड़ा छत्तीसगढ़ सरकार ने गांव गौठान और ग्रामीण औधोगिक पार्क जैसे अनेक किसान और ग्रामीण हितैषी योजनाओं को लाकर बीड़ा उठाया है। ‌शर्मा ने बताया कि आइसेक्ट समूह से उनका पुराना नाता रहा है। वनमाली सृजन पीठ, डा सी वी रामन विश्वविद्यालय और यहाँ स्थापित ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग तथा रामन ग्रीन गतिविधियों को वे करीब से जानते समझते हैं और यह प्रशंसनीय है। ऐसे गतिविधियों से ही हम स्वावलांबी भारत और स्वलंबि छत्तीसगढ़ की दिशा में आगे बढ़ सकतें है।

इस अवसर पर उपस्थित कौशल विकास अभिकरण रायपुर के स्टेट हेड वैभव अग्रवाल ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में संभावनाएं अनंत है। आइसेक्ट समूह देशभर के कुल कौशल विकास केन्द्रों का 10 प्रतिशत हिस्सा है जो कि बड़ी उपलब्धि हैं। कार्यक्रम का संचालन ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभागाध्यक्ष डा अनुपम तिवारी ने किया, आभार डीन ऐकेडमिक डा अरविंद तिवारी ने किया। संयोजन स्टेट हेड शशिकांत वर्मा ने किया। विश्विद्यालय का विस्तृत प्रेजेंटेशन कुलसचिव गौरव शुक्ला ने किया, रामन ग्रीन का प्रेजेंटेशन डा अनुपम तिवारी ने किया। सुबह के सत्र में अतिथि के रूप में भोपाल से अनुराग, एन एस डी सी से वैभव अग्रवाल जी रहे। कार्यक्रम में राशीद खान, मशीद, अभिषेक अवस्थी, ज्ञानेश्वर, सचिन, योगेश मिश्रा आदि उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि ने आइसेक्ट समूह के वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन किया।

युवाओं को रोजगार से जोड़ने का कार्य कर रहा आईसेक्ट – गौरव 

कार्यक्रम में सीवीआरयू के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि आईसेक्ट ग्रुप हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। खासकर कौशल विकास ग्रामीण प्रौद्योगिकी मैं अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने का बीड़ा आईसेक्ट ग्रुप ने उठाया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र सहित देश में कई केंद्र और राज्य सरकार के उपक्रमों के साथ विश्वविद्यालय कार्य कर रहा है।

अध्यक्षयीय संबोधन में कुलपति प्रो. आर पी दुबे ने कहां कि आज पूरा विश्व कौशल पर केंद्रित है। भारत को अन्य देशों के सामने अग्रणी रूप से खड़े रहने के लिए कौशल की दक्षता आवश्यक है। यह रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम है। आईसेक्ट ग्रुप सहित ग्रुप के सभी विश्वविद्यालय इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहे हैं। ऐसे आयोजनों से युवाओं को नई जानकारी और अवसर प्राप्त होते हैं।

 

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