बिलासपुर। कांग्रेस नेता जितेंद्र मुदलियार द्वारा दरभा थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट को एन ए आई द्वारा दी गई चुनौती पर हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई नहीं हो पाई। केंद्र सरकार के वकील ने बहस के लिए समय मांगा। अब इस मामले की सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
ज्ञात हो कि झीरम घाटी में 25 मई 2013 को कांग्रेसी नेताओं की सामूहिक हत्या नक्सलियों ने की थी। तत्कालीन राज्य सरकार ने इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी एन आई ए को सौंपी थी। विगत 25 जून 2020 को झीरम घाटी हत्याकांड में मारे गए पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने धारा 302 और 120 के तहत दरभा थाने में धारा 302 और 120 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया था। पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने के खिलाफ एनआईए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि एक ही मामले में दो दो एजेंसियां जांच नहीं कर सकती। एन आई ए इस मामले की जांच कर चुकी है। इस पर जितेंद्र मुदलियार ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर कहा था कि चूंकि एनआईए ने इस घटना के पीछे के राजनीतिक षड्यंत्र की जांच नहीं की है इसलिए इसके अलग से जांच राज्य पुलिस द्वारा किया जाना जरूरी है।
सोमवार को इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की डबल बेंच में होनी थी, लेकिन समय की कमी के कारण इसे आज मंगलवार तक के लिए डाला गया था। आज कोर्ट की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने यह कहते हुए समय मांगा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी सुप्रीम कोर्ट में किसी दूसरे प्रकरण में व्यस्त हैं। इसके चलते आज बहस की तैयारी नहीं हो पाई। इस पर हस्तक्षेप याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव व संदीप दुबे ने आपत्ति की और कहा कि यह प्रकरण लंबे समय से चल रहा है। राज्य सरकार की ओर से उपस्थित उप महाधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने समय दिए जाने का विरोध नहीं किया। इसके बाद कोर्ट ने 12 अगस्त तक सुनवाई आगे बढ़ा दी।

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