राजेश अग्रवाल/ कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी संभवतः कल 23 जुलाई को हो रहे आंदोलन के बाद अपनी राजनीति की नई दिशा तय करें। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में हो रहे आंदोलन की उन्हें कोई सूचना नहीं है। पहले भी ऐसा हुआ है कि कांग्रेस के कार्यक्रमों में उन्हें नहीं पूछा गया, पर अब जब चुनावी तैयारी के सिलसिले में ही उनके इलाके में भीड़ बुलाई गई हो, विधायक को अलग-थलग रखना पार्टी की ओर से साफ संदेश है कि बस..आप अब हमसे अलग हो जाएं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में कांग्रेस ने सूखा राहत और फसल बीमा भुगतान की मांग को लेकर तहसील कार्यालय के घेराव का कार्यक्रम बनाया है। दोपहर दो बजे गांधी भवन में किसान सभा रखी गई है उसके बाद रैली निकालकर कांग्रेसी और किसान तहसील पहुंचेंगे। सिंहदेव के अलावा पार्टी के अन्य बड़े नेताओं के यहां पहुंचने की उम्मीद है। यह पहले भी कई बार हुआ है कि कांग्रेस ने कोटा में आयोजित महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में डॉ. जोगी को विधिवत सूचना नहीं दी। विधायक दल की बैठक की भी सूचना नहीं मिलने की बात वह बता चुकी हैं। पर इस बार सोमवार को होने वाले कार्यक्रम से नहीं जोड़ना, उन्हें आखिरी संदेश है कि पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने साफ किया है कि डॉ. जोगी को अलग से सूचना नहीं दी गई है। पार्टी का अधिकारिक कार्यक्रम जारी कर दिया जाता है, अलग से कोई सूचना नहीं दी जाती। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रामफल बिंझवार ने भी यही बात कही।

डॉ. जोगी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को वे किसी अन्य कार्यक्रम में व्यस्त रहेंगी, इसलिए कोटा नहीं आ पाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि कोटा में हो रहे आंदोलन की उन्हें जानकारी नहीं है।

जोगी की पार्टी बनने के बाद उनके विधायक पुत्र अमित जोगी और बहू ऋचा जोगी शुरू से सक्रिय हैं, पर विधायक डॉ. जोगी उनके साथ नहीं गईं। उन्होंने अपने-आपको कई मौकों पर कांग्रेस के प्रति समर्पित बताया। यही नहीं, वे सोनिया गांधी परिवार से जुड़ाव को लेकर भावुक भी रहीं हैं।  वह छजकां की स्थापना पर हुए कार्यक्रम के बाद छजकां के किसी अन्य कार्यक्रम में शामिल भी नहीं हुईं। छजकां ने जब राहुल गांधी के कोटमी आगमन पर जवाबी सम्मेलन किया तब भी वह अपने परिवार के साथ नहीं, राहुल के मंच पर थीं।

कुछ दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष सिंहदेव कह चुके हैं कि पार्टी यह मानकर चलती है कि विधायक डॉ. जोगी अपने पति की बात मानकर चलेंगीं।

अब, यह दिलचस्प है कि कोटा से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का अधिकृत उम्मीदवार अब तक घोषित नहीं किया गया है। तो फिर क्या यह मानकर चला जाए कि कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर, जिसकी संभावना अब न के बराबर रह गई है, डॉ. जोगी को मैदान में उतारा जाएगा?

डॉ. जोगी तीन बार से लगातार कोटा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। प्रदेश में हुए अनेक राजनैतिक उतार चढ़ावों के बाद भी कोटा ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां से कांग्रेस को कभी पराजय नहीं मिली। क्या इस बार यह परिपाटी खत्म हो जाएगी? अपनी पार्टी को कांग्रेस-भाजपा के बीच विकल्प साबित करने के लिए पूरे प्रदेश में जोर लगा रहे जोगी क्या तीन बार से चुनाव जीतने वाली डॉ. जोगी को कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर इतनी आसानी से संन्यास लेने कह देंगे?  ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब सोमवार को कोटा में होने वाले कांग्रेस के आंदोलन के बाद मिल सकता है।

 

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