बिलासपुर। अंतागढ़ टेपकांड की जांच कर रही एसआईटी को अजीत जोगी अपनी आवाज का नमूना नहीं देंगे और न ही वे उसके समक्ष उपस्थित होंगे। यह जानकारी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने आज पत्रकारों को दी।

उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ की जनता अंतागढ़ की नहीं, अदानीगढ़ की जांच चाहते हैं। अमित जोगी ने कहा कि जब उन्होंने खुलासा किया कि 14 जून की रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अदानी की दिल्ली में दो घंटे तक मुलाकात की थी। इसमें बैलाडीला-13, गोरे पालमा-2, गिदपुरी, पिटपुरी और चौटिया की खदानों का सालाना 3 लाख करोड़ रुपये के खनिज उत्खनन के लिए सौदा हुआ। इसके तुरंत बाद ही अंतागढ़ टेपकांड की जांच की फाइल खोल दी गई। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करनी चाहिए, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनों जेल की सलाखों में होंगे।

अंतागढ़ टेपकांड की एसआईटी को स्टूपिड इन्वेस्टिगेशन टीम नाम देते हुए अमित जोगी ने कहा कि जिस पेन ड्राइव के आधार पर जांच हो रही है उसकी हैदराबाद, भोपाल और चंडीगढ़ के तीन लैब फर्जी करार दे चुके हैं। अब चीन, रूस, अमेरिका में भेजकर जांच कराना बचा है। अभी मंत्री कवासी लखमा कनाडा गये थे, वहां इन्हें पेन ड्राइव लेकर चला जाना था। पेन ड्राइव की जांच रिपोर्ट कोर्ट ने प्रस्तुत करने कहा है किन्तु अब तक क्यों पेश नही किया जा रहा है। यह साफ है कि सीडी, पेन ड्राइव फर्जी है। एसआईटी को अब सबूत देने वाले के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज देने और जालसाजी करने का अपराध दर्ज करना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी इस गैरकानूनी जांच दल के समक्ष जांच के लिए प्रस्तुत नहीं होने वाले हैं। उनका वाइस सैंपल लेना ही अवैध है।

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