बिलासपुर. कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होते ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्टार जनरल ने आरटीपीसीआर या एंजीटन रिपोर्ट की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। पूर्व में दूसरे प्रवेश से लौटने के बाद हाईकोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों में ज्वाइनिंग से पहले सभी न्यायाधीशों व कर्मचारियों को यह रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य था।
कोरोना के दूसरी लहर के कारण मौत का आंकड़ा बढ़ने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल दीपक तिवारी ने प्रवेश से बाहर जाने वाले जजों, न्यायालयीन अधिकारियों व कर्मचारियों को वापसी के बाद आरटीपीसीआर या एंजीटन निगेटिव रिपोर्ट लाने की शर्त रखी थी। इसके बगैर ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही थी। अब इसे समाप्त कर दिया गया है।
कर्मचारियों को मिलेगी राहत
इस आदेश से जजों, न्यायालयीन अधिकारियों व कर्मचारियों को राहत मिलेगी। साथ ही न्यायालयीन कामकाज भी पटरी पर आएगा। लंबित प्रकरण की सुनवाई में तेजी आएगी। जिला कोर्ट व अधिनस्थ न्यायालयों में जिनके प्रकरण लंबे समय से लंबित हैं, ऐसे वादी व प्रतिवादी दोनों को ही राहत मिलेगी।