राजस्व विभाग व सहकारी समितियों की टीम बनी, 30 तक देंगे रिपोर्ट

बिलासपुर । समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री के लिये पात्रता से अधिक रकबा की भूमि का पंजीयन कराने के प्रकरणों की जांच के लिये जिला प्रशासन के निर्देश पर दल का गठन किया गया है।

जिले में भूमिहीन कृषि मजदूर के आधार पर जारी 21255 प्राथमिकता राशनकार्डधारियों, सीमांत कृषक के आधार पर जारी 2637 प्राथमिकता राशनकार्डधारियों तथा लघु कृषक के आधार पर जारी 103 प्राथमिकता राशनकार्डधारियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु निर्धारित पात्रता से अधिक भूमि या रकबा का पंजीयन कराने तथा धान बेचने की जानकारी प्राप्त हुई है।

ऐसे राशनकार्डधारियों के जांच एवं परीक्षण हेतु जांच दल का गठन किया गया है। तहसील बिल्हा, बिलासपुर, मस्तूरी, सीपत, तखतपुर एवं कोटा-रतनपुर-बेलगहना के समस्त ग्राम पंचायत हेतु जांच दल के सदस्य ग्राम के हल्का पटवारी, सचिव एवं मागदर्शक अधिकारी के रूप में विनिता दास, अब्दुल कादिर, आशीष दीवान, प्रीति चौबे, मनोज बघेल एवं ए.के. सवन्नी, संबंधित शाखा प्रबंधक सेवा सहकारी समिति और संबंधित सहकारिता निरीक्षक होंगे।

संबंधित तहसील के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार किसानों के रकबा के सत्यापन हेतु नोडल अधिकारी होंगे। संबंधित विकासखंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत या नगर पंचायत जांच दल से प्राप्त सूची के संकलन हेतु नोडल अधिकारी होंगे जो सूची के संकलन कर सूची खाद्य कार्यालय का उपलब्ध करायेंगे।

इन तीनों प्रकार के प्राथमिकता राशनकार्डधारियों की पृथक-पृथक सूची खाद्य अधिकारी या खाद्य निरीक्षक मॉड्यूल में उपलब्ध कराई गई है। इन सभी तीनों वर्गों में खेत का रकबा और राशन कार्ड की पात्रता का मिलान किया जायेगा। यदि इसमें वास्तविक रकबा कम पाया गया तो पंजीयन रिकॉर्ड में इसका संशोधन किया जायेगा। यदि रकबा पंजीयन के अनुसार सही मिला तो सीमांत कृषक, लघु कृषक तथा 5 एकड़ तक के कृषकों के परिवार को पात्रता के अनुसार राशन कार्ड की श्रेणी को बदला जायेगा। जिले में गठित जांच दल द्वारा 30 सितंबर 2020 तक कार्रवाई पूरी की जायेगी।

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