बिलासपुर। किडनी खराब होने के बाद एक महिला को ए निगेटिव ब्लड ग्रुप रक्त की जरूरत पड़ी। यह समय रात के 12.30 का था। जज़्बा ने रक्तदाता की खोज शुरू की तो अधिवक्ता फैज़ काज़ी का नाम उनकी सूची में दिखा। रात में ही उनसे सम्पर्क किया।

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इतनी रात को फोन आने पर फैज़ काज़ी पेशोपेश में थे लेकिन पिता सलीम काज़ी ने उनका हौसला बढ़ाया और रात में ही उन्होंने एकता ब्लड बैंक जाकर अपना रक्तदान किया। यूनिटी हॉस्पिटल में भर्ती  मरीज विजयलक्ष्मी विश्वकर्मा के मरीज डोनर ढूंढ रहे थे। फैज की वजह से उसको तुरंत इलाज मिला और उसकी जान बच गई।

फैज़ काज़ी ने बताया कि उन्हें कॉलेज के दिनों में पता चला था कि उनका ब्लड ग्रुप ए निगेटिव है, जो बहुत दुर्लभ है। इसके बाद ही उन्होंने तय कर लिया कि जब भी संभव होगा वे रक्तदान करेंगे। वे रक्तदान का शतक पूरा करना चाहते हैं। फैज़ काज़ी के इस जुनून और समर्पण की प्रशंसा हो रही है।

 

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