नई दिल्ली। राजस्थान के करौली में एक मंदिर के पुजारी को तेल छिड़ककर जिंदा जलाने खबर सामने आई है। बता दें कि पुजारी की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। इस घटना को लेकर कहा जा रहा है कि मंदिर की जमीन को कब्जा करने के चलते विवाद चल रहा था, जिसमें 6 लोगों ने मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाने की कोशिश की। मामला करौली के सपोटरा स्थित बुकना गांव का बताया जा रहा है। आग में झुलस जाने से पुजारी बुरी तरह से जख्मी हो गया, जहां अस्पताल में उसकी मौत हो गई। यह पूरा घटनाक्रम करौली के सपोटरा थाना इलाके की ग्राम पंचायत बुकना का है। यहां मंदिर पर 50 वर्षीय बाबूलाल वैष्णव पूजा करता था और मंदिर माफी की जमीन पर भी उसी का कब्जा था। लेकिन इस जमीन को लेकर गांव के दबंग कैलाश मीणा की नजर थी। इसी जमीन पर कब्जा हथियाने के लिए आरोपी कैलाश मीणा ने पुजारी पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।

एफएसएल की टीम ने मौके पर

मामला तब आगे बढ़ा तब मंदिर के पुजारी ने मंदिर की जमीन पर कब्जा करने को लेकर विरोध किया। जिसका नतीजा ये हुआ कि पुजारी को आग के हवाले कर दिया गया। इस मामले में पुलिस जांच में जुट गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। खबरों की मानें तो एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य भी एकत्रित किए हैं।इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। करौली के पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छवा ने बताया कि, “पुजारी बाबूलाल ने अस्पताल में पुलिस को एक बयान दिया था कि आरोपी कैलाश मीणा और उनके बेटों समेत कुछ लोगों ने मंदिर की ज़मीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा करना चाहते थे जिसके बाद विवाद के दौरान आरोपियों ने बाड़े को आग लगा दी जिसमें पुजारी गंभीर रूप से जल गए थे।”

आंदोलन की चेतावनी

इस मामले को लेकर जयपुर में फाइट फोर राइट, श्री परशुराम सेना आदि संगठनों के पदाधिकारी पुजारी पर हुए अत्याचार को लेकर अस्पताल पहुंचे। श्री परशुराम सेना के संयोजक अनिल चतुर्वेदी ने करौली एसपी मृदुल कछवाहा से आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। साथ ही यदि शीघ्र अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

राहुल गांधी खामोश हैं

इस मामले ने राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि जहां एक तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं वहीं राजस्थान में अपनी पार्टी की सरकार की नाक के नीचे हो रहे इस तरह के वीभत्स कारनामों पर चुप्पी साधे रहते हैं।

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