पदोन्नति के अन्य मामलों में खनिज व कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों को नोटिस

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि सर्विस रिकॉर्ड की अनुपलब्धता के आधार पर किसी सरकारी कर्मचारी को पदोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता।
सहायक उप-निरीक्षक बंसीलाल धुरंधर, एंब्रोस टोप्पो और त्रिवेणी प्रसाद द्विवेदी ने अपने वकीलों के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि वे रायपुर जिले के अलग-अलग थानों में सेवायें दे रहे हैं। पुलिस महानिदेशक ने विभागीय पदोन्नति समिति की कार्रवाई के दौरान उन्हें इस वजह से पदोन्नति से वंचित कर दिया कि उनका सर्विस रिकॉर्ड पुलिस मुख्यालय में नहीं पहुंचा है।
हाईकोर्ट में जस्टिस पी सेम कोशी ने पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक को आदेश जारी कर कहा है कि याचिकाकर्ताओं को नियमानुसार पदोन्नति दें साथ ही कहा है कि सर्विस रिकॉर्ड नहीं मिलने की वजह से पदोन्नति नहीं रोकी जा सकती।
पदोन्नति के संबंध में पक्षपात करने को लेकर दायर एक अन्य याचिका में कृषि उत्पादन आयुक्त को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट ने जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। जांजगीर-चांपा जिले के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी पद पर कार्यरत विजय सिंह बौद्ध ने याचिका दायर कर बताया है कि कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्य करने के बावजूद उनकी उपेक्षा करते हुए उनसे कनिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी को पदोन्नति दे दी गई है।
पदोन्नति से ही संबंधित एक अन्य मामले में खनिज विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन के महाप्रबंधक को भी हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। शंकर नगर रायपुर निवासी रजनी पिनजानी सीएमडीसी रायपुर में सहायक महाप्रबंधक वित्त प्रशासन के पद पर कार्यरत हैं। 5 साल की सेवा के बाद उन्हें नियमानुसार पदोन्नति दी जानी चाहिए थी लेकिन नहीं दी गई, जबकि इसी विभाग में दूसरे संवर्ग में कार्यरत कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा चुकी है। हाईकोर्ट जस्टिस पी सेम कोशी की सिंगल बेंच ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए खनिज संसाधन विभाग के सचिव और सीएमडीसी के प्रबंध संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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