रेलवे जोन संघर्ष समिति ने आंदोलन का समर्थन किया
बिलासपुर 17 दिसंबर। रेलवे बोर्ड ने 12 नवंबर से ही सभी यात्री ट्रेनों को पुराने टाइम टेबल के हिसाब से निर्धारित स्टेशनों पर रुकने का आदेश जारी कर दिया है। इसके बावजूद करगी रोड, टेंगनमाड़ा, खोडरी आदि स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रोकी जा रही है। बोर्ड के आदेश के विपरीत जोनल मुख्यालय में इसका निर्णय लिया गया है।
रेलवे जोन संघर्ष समिति के सदस्य महेश दुबे टाटा, बद्री यादव और सुदीप श्रीवास्तव ने करगी रोड कोटा जाकर वहां ट्रेनों के स्टॉपेज के लिए आंदोलनरत नागरिक संघर्ष समिति के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने नागरिकों को रेलवे बोर्ड के 12 नवंबर के आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जिसमें साफ लिखा है कि सभी ट्रेन, स्पेशल की जगह पुराने नंबर और टाइम टेबल के हिसाब से चलेगी। इसके अंतर्गत सभी ट्रेनों को पूर्ववत करगीरोड स्टेशन पर रोका जाना चाहिये। पर, इंदौर बिलासपुर ट्रेन जो करीब 100 साल से रुकती रही है उसे भी बंद कर दिया गया है। करगी रोड में रुकने वाली 18 ट्रेनों में से केवल दो को ही रोकी जा रही है। यह तानाशाही भरा फैसला दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का है जबकि बोर्ड का ऐसा कोई आदेश नहीं है।
रेलवे जोन संघर्ष समिति ने कोटा की लदान बंद करने के आंदोलन का समर्थन किया है। समिति ने कहा कि यदि सभी ट्रेनों को कोरोना काल के पहले जैसा नहीं चलाया जाता तो बिलासपुर में भी आंदोलन किया जाएगा और क्षेत्र के हर स्टेशन पर आंदोलन का विस्तार किया जाएगा। रेलवे जोन संघर्ष समिति का कहना है कि कोरोना के बहाने रेलवे को निजी हाथों में बेचने का षड्यंत्र चल रहा है और ट्रेनों का स्टॉपेज बंद करना इसका पहला कदम है।