महापौर के नेतृत्व में हवाई सेवा संघर्ष समिति के सदस्यों ने बिलासपुर से तुरंत उड़ानें शुरू करने की रखी मांग

बिलासपुर। हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के एक प्रतिनिधि मण्डल ने  महापौर रामशरण यादव के साथ केन्द्रीय अनुसूचित जनजाति विभाग राज्यमंत्री रेणुका सिंह से भेंट कर बिलासपुर से महानगरों तक हवाई उड़ान और रनवे विस्तार के लिये सेना के पास पड़ी अनुपयोगी भूमि उपलब्ध कराने की मांग की। केन्द्रीय मंत्री ने शीघ्र ही बिलासपुर के प्रतिनिधि मण्डल को बिलासपुर सांसद के साथ दिल्ली में सभी से मुलाकात कराने का भरोसा दिलाया।

मंत्री रेणुका सिंह को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि गत 20 वर्षों के विकास में रायपुर की तो पर्याप्त प्रगति हुई परन्तु बिलासपुर जो कि रेल्वे जोन व कोल प्रक्षेत्र कंपनी का मुख्यालय भी है, के विकास पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। बिलासपुर छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से के 12 जिलों का केन्द्र होने के साथ-साथ मध्यप्रदेश के भी सीमावर्ती जिलों के लिये व्यापार का केन्द्र है। यहां हवाई सुविधा दिये जाने की सार्थक पहल नहीं हुई।

हाल ही में बिलासपुर से वर्तमान में भोपाल तक एक उड़ान स्वीकृत की गई है। वस्तुतः क्षेत्र के लोगों की मांग बिलासपुर से दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, बैंगलोर तक सीधी हवाई सुविधा की है। ये सभी महानगर बिलासपुर से 600 कि.मी. से अधिक दूरी पर है और उड़ान 4.0 योजना के तहत वी.जी.एफ सब्सिडी इस वर्ष 600 कि.मी. से कम दूरी की उड़ानों के लिये ही स्वीकृत की जा रही है। पहले के टेंडर में ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं थी। वर्तमान में भी उत्तर पूर्वी आदिवासी राज्यों के लिये भी यह बाध्यता नहीं है। अतः अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ को आदिवासी बहुल राज्य मानकर यहां भी वी.जी.एफ सब्सिडी के लिये 600 कि.मी. की बाध्यता समाप्त की जाये और बिलासपुर से सीधी उड़ान महानगरों तक स्वीकृत की जाये।

उड्डयन मंत्रालय द्वारा घोषित बिलासपुर-भोपाल उड़ान अलायंस एयर कम्पनी की एटी.आर. 600 के द्वारा संचालित होगी। स्वीकृति के बाद भी इस उड़ान की शेड्यूलिंग नहीं की गई है और इसका टाइम टेबल भी जारी नहीं हुआ है। जगदलपुर विमानतल पर बिना 3सी लायसेंस के रायपुर-जगदलपुर-हैदराबाद अलायंस एयर की उड़ान की अनुमति केन्द्र सरकार के द्वारा दी गई और यह उड़ान संचालित है। इसी तरह बिलासपुर एयरपोर्ट पर भी बिलासपुर-भोपाल उड़ान को अनुमति दी जा सकती है। यही उड़ान आगे विस्तार के रूप में दिल्ली तक दिल्ली तक जा सकती है।

रनवे विस्तार के लिये भूमि आवश्यकता पर कहा गया है कि 2010 में भारतीय सेना ने बिलासपुर हवाई अड्डे के पास 1012 एकड़ भूमि अधिग्रहित कर ट्रेनिंग सेन्टर व हवाई अड्डे के विकास प्रस्ताव सामने रखा परन्तु बाद में यह प्रोजेक्ट सेना ने ड्रॉप कर दिया और आज तक इस पर कोई काम नहीं किया है।

वर्तमान में बिलासपुर एयरपोर्ट का रनवे 1500 लम्बा है परन्तु बोईंग व एयरबस हेतु 2500 मीटर का रन वे चाहिये। इस हेतु भूमि भारतीय सेना के कब्जे में बिना किसी उपयोग के पड़ी हुई है। बिलासपुर एयरपोर्ट रनवे विस्तार हेतु सेना की 1012 एकड़ भूमि में से 150 एकड़ भूमि दिये जाने की आवश्यकता है और इसके बदले अन्य भूमि सेना ले सकती है।

ज्ञापन में रेणुका सिंह को छत्तीसगढ़ से केन्द्र सरकार का अकेला प्रतिनिधि बताते हुये अनुरोध किया गया है कि कृपया बिलासपुर की न्यायोचित मांगों की पूर्ति हेतु आवश्यक कार्रवाई करें। छत्तीसगढ़ भवन में कल रात मिलने वाले प्रतिनिधि मण्डल में सुशांत शुक्ला, अशोक भण्डारी, देवेंन्द्र सिंह, बद्री यादव, समीर अहमद, विभूतिभूषण गौतम, सालिकराम पाण्डेय, नरेश यादव और सुदीप श्रीवास्तव भी शामिल थे।

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