कई राज्यों में दर्जनों लोगों से ठगी कर चुके आरोपी, पहले भी हुई है गिरफ्तारी

बिलासपुर । मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर 82 लाख रुपये की ठगी करने के तीन आरोपियों को पुलिस दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इनमें एक डॉक्टर भी शामिल है। गिरफ्तार आरोपी अब तक दर्जनों लोगों को मेडिकल में दाखिले के नाम पर करोड़ों रुपये का चूना लगा चुके हैं। पंजाब, उत्तरप्रदेश व दिल्ली में ये पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं और अब भी इनकी कई राज्यों की पुलिस को तलाश है।

कोनी के तरूण साहू ने बीते दिनों पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि इन आरोपियों ने उससे व उनके तीन परिचितों से 82 लाख रुपये की ठगी की है। इनसे तरुण की मुलाकात तब हुई थी जब वह अपनी बेटी का सरस्वती मेडिकल कॉलेज हापुड़ में दाखिला कराने के लिये गये थे। आरोपियों ने झांसा दिया था कि सेंट्रल पूल के कोटे से वे उनकी बेटी व उसके परिचितों के तीन अन्य बच्चों का एडमिशन करायेंगे। आरोपियों ने तरूण साहू से 35 लाख रुपये, भागवत साहू से 15 लाख, दीपक शर्मा से 10 लाख तथा बाद में तरुण साहू से फिर 22 लाख रुपये अपने बैंक खातों में जमा कराये थे। ये ठगी सन् 2018 में की गई थी। दो साल तक एडमिशन नहीं होने के बाद तरुण साहू ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये टीम बनाने का निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिया। इसके बाद साइबर सेल प्रभारी कलीम खान के साथ एक टीम दिल्ली रवाना की गई। टीम ने हुलिया बदलकर सादे वेश में दिल्ली व उत्तरप्रदेश के विभिन्न शहरों के अलावा मुम्बई में आरोपियों की तलाश शुरू की। आरोपियों को दिल्ली, यूपी व महाराष्ट्र पुलिस के साथ संयुक्त घेराबंदी के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपियों में दीपक चटर्जी (31 वर्ष) दिलशाद कॉलोनी दिल्ली का रहने वाला है। डॉ. जिया उल हक रहमानी (33 वर्ष) इंदिरापुरम् गाजियाबाद का तथा प्रभुदीप सिंह (34 वर्ष) शक्ति नगर बरेली यूपी का रहने वाला है।

गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने बताया कि वे खुद को कैरियर काउन्सलर और ऊंची पहुंच वाला बताकर लोगों को झांसा देते थे। वे अपना लिविंग स्टैंण्डर्ड ऊंचा रखते थे ताकि लोगों को उन पर भरोसा हो जाये। मेडिकल जैसी उच्च शिक्षा के लिये प्रतिष्ठित संस्थानों में एडमिशन दिलाने के नाम पर वे मोटी रकम अपने खातों में जमा करा लेते थे। बड़ी रकम मिल जाने के बाद वे पीड़ितों का फोन नंबर को ब्लॉक कर देते थे। ऐसे करीब 150 नंबर उन्होंने ब्लॉक कर रखा है। वे देश के कई राज्यों में ऐसी जालसाजी कर चुके हैं और पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद दूसरे राज्यों से भी जानकारी मांगी जा रही है।

हालांकि बिलासपुर के पीड़ितों से ही ठगी 82 लाख रुपये की उन्होंने की है पर पुलिस केवल 5 लाख रुपये उनसे बरामद कर पाई है। उनसे पांच मोबाइल फोन भी जब्त किये गये हैं।

कार्रवाई में दिल्ली, यूपी व महाराष्ट्र पुलिस की मदद ली गई। बिलासपुर की टीम में एस आई प्रभाकर तिवारी, एएसआई शैलेन्द्र सिंह, अवधेश सिंह, आरक्षक बलवीर सिंह, दीपक उपाध्याय, नवीन एक्का, विकास यादव व धर्मेन्द्र साहू शामिल थे।

 

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