बिलासपुर। लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाने के लिए प्रदेश सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रमुख सचिव ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर अपने-अपने जिले की जानकारी एकत्र करने के लिए कहा है। ऐसे श्रमिकों की संख्या हजारों में हो सकती है इसलिये बड़े पैमाने पर व्यवस्था की जा रही है।

कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में विभिन्न प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के मजदूर व अन्य व्यक्तियों की प्रदेश में वापसी के लिए राज्य सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। प्रमुख सचिव आर पी मंडल ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर घर वापसी के इच्छुक व्यक्तियों, मजदूरों का डेटा तैयार करने के लिए कहा है। इसकी जानकारी लेने के लिए उनके परिजन, जनप्रतिनिधि, श्रमिक हेल्पलाइन और एनजीओ की मदद लेने कहा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना एकत्र करने के लिए जिला पंचायत एवं शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकायों के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाने के लिए कहा गया है। जिला कलेक्टर इस सूची के आधार पर विभिन्न प्रदेशों के सम्बन्धित जिला अधिकारियों से चर्चा करेंगे और इसकी जानकारी राज्य नोडल अधिकारी से साझा करेंगे। सम्पूर्ण जानकारी का डेटाबेस ऑनलाइन तैयार किया जायेगा, जिसका प्रारूप भी कलेक्टरों को भेजा गया है।

वापस आने वाले श्रमिकों को आते ही क्वारांटाइन पर रखा जायेगा, इसके लिए उपयुक्त भवन जैसे सामुदायिक भवन, स्कूल भवन, छात्रावास,आश्रम आदि का चयन भी करने के लिए कहा गया है। शहरी क्षेत्रों  में भी इसी तरह की व्यवस्था की जायेगी। क्वारांटाइन अवधि में मजदूरों के लिए भोजन, आवास, स्वास्थ्य सेवा व अन्य जरूरी व्यवस्थायें की जायेंगीं।

राज्य की सीमाओं पर मध्यप्रदेश, तेलांगाना, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, मध्यप्रदेश आदि से मजदूर बसों में सीमा तक जैसे ही पहुंचेंगे वहीं उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा। होल्डिंग एरिया में ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण विश्राम एवं भोजन की व्यवस्था की जायेगी। स्वस्थ पाए गए श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था यात्री वाहनों से परिवहन विभाग के माध्यम से की जाएगी। कोरोना टेस्ट के बाद यदि कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उनके सम्बन्ध में तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित किया जायेगा।

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