बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके केशरवानी की अपील स्टेट बार कौंसिल ने खारिज कर दी है।  इससे अध्यक्ष पद से उनके निष्कासन का आदेश लागू हो गया है।

ज्ञात हो कि 17 अक्टूबर 2019 को दो वर्ष के लिये अध्यक्ष पद पर केशरवानी व अन्य पदाधिकारियों का चुनाव हुआ था। केशरवानी के चुने जाने को अधिवक्ता उत्तम पांडे ने विधि विरुद्ध बताते हुए अपीलीय समिति के समक्ष आपत्ति दायर की थी। अपीलीय समिति ने केशरवानी को जवाब देने के लिए कई बार नोटिस जारी किया लेकिन वे समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद समिति ने उनके निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया। समिति के इस निर्णय के खिलाफ केशरवानी ने स्टेट बार कौंसिल में अपील की। कौंसिल ने अंतरिम रूप से समिति के आदेश को स्थगित कर दिया लेकिन इस पर सुनवाई पूरी नहीं की।

इस पर शिकायतकर्ता अधिवक्ता उत्तम पांडे ने हाल ही में हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि अधिकतम 6 माह तक कौंसिल को स्थगन देने का अधिकार है लेकिन केशरवानी की अपील पर 10 माह से अधिक बीत जाने के बावजूद फैसला नहीं लिया गया है। स्टेट बार कौंसिल केशरवानी को अपना कार्यकाल पूरा करने का अवसर जान-बूझकर दे रही है। उनका कार्यकाल अक्टूबर माह में 16 तारीख को समाप्त होने वाला है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कौंसिल को आदेश दिया कि 10 दिन के भीतर केशरवानी की अपील पर निर्णय लें।

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इस आदेशं के बाद केशरवानी ने एसोसियेशन की बैठक बुलाई और निर्धारित समय पर चुनाव कराने का निर्णय ले लिया। हालांकि चुनाव कार्यक्रम स्टेट बार कौंसिल के मतदाता सूची के अनुमोदन के बाद ही घोषित किया जाना था। एसोसिएशन ने अनुमोदन के लिए मतदाता सूची कौंसिल को भेज दी थी। इसी बीच कौंसिल ने आज केशरवानी की अपील को खारिज कर दी है। अब तकनीकी रूप से केशरवानी के निष्कासन का आदेश लागू हो गया है और अब वे अध्यक्ष नहीं हैं। कौंसिल ने केशरवानी की अपील को इस आधार पर खारिज किया कि उन्होंने अपीलीय समिति को नोटिस के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया था। अब उनका पद उपाध्यक्ष संभालेंगे तथा एसोसिएशन उनकी अध्यक्षता में होने वाली बैठक में चुनाव तय करेगा।

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