बिलासपुर। देशभर के हाईकोर्ट कर्मचारियों को एक समान वेतन देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्य सरकारों व केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने कहा है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रमोद पाठक ने कहा कि देश के अलग-अलग हाईकोर्ट के कर्मचारियों में समान पद के लिये अलग-अलग वेतन दिये जाते हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कर्मचारियों का वेतनमान सबसे कम है। इसी तरह से अन्य राज्यों के उच्च न्यायालय कर्मचारियों के वेतनमान में भी अंतर है। इसे देखते हुए अखिल भारतीय उच्च न्यायालय कर्मचारी संघ तथा ओडिशा, गुजरात, मणिपुर राज्यों के हाईकोर्ट कर्मचारी संगठनों ने एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। याचिका में अधीनस्थ न्यायालयों के कर्मचारियों की सेवा शर्तों की समीक्षा करने की मांग की गई है। साथ ही न्यायमूर्ति पी. वेंकटराम रेड्डी की अध्यक्षता वाले आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग है। याचिका में कहा गया है कि देशभर के कर्मचारियों के लिये एक समान वेतन तथा सेवा शर्तें लागू की जानी चाहिये। उनके वेतन की समीक्षा के लिये भी एक स्थायी तंत्र की व्यवस्था की जाये।  इसी तरह की समान वेतन व सेवा शर्तों से सम्बन्धित एक याचिका न्यायिक अधिकारी संघ की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। इस याचिका पर निर्णय आना अभी बाकी है लेकिन न्यायिक अधिकारियों को एक समान वेतन देना शुरू किया जा चुका है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर तथा जस्टिस संजीव खन्ना की डबल बेंच ने राज्य सरकारों व केन्द्र से इस मामले में जवाब मांगा है।

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