मुंगेली। वैश्विक महामारी कोरोना के समय चाईल्ड लाईन की टीम बच्चों की नई उम्मीद हैं। रविवार को ग्राम कोसमतरा  में एक अज्ञात बालक घूमते हुए पाया गया। वह अपने माता पिता से बिछुड़ गया था। सूचना चाइल्ड लाईन के केन्द्र समन्वयक उमाशंकर कश्यप को मिली। उसके बाद टीम एवं थाना प्रभारी फास्टरपुर की टीम ग्राम कोसमतरा पहुंची। उन्होंने बच्चे का रेस्क्यू किया।

चाइल्ड लाईन टीम ने बालक की जानकारी दूरभाष से बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी को  दी। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य ने सक्रियता दिखाते हुए बच्चे के परिजनों को सुपुर्द किया। जिला प्रशासन के निर्देश पर चाईल्ड लाइन, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति एवं पुलिस की सक्रियता से कोविड-19 के गंभीर हालत में बच्चों को संरक्षण मिल सका।

चाइल्ड लाइन के केंद्र समन्वयक उमाशंकर कश्यप ने बताया कि रेस्क्यू टीम में संजीव ठाकुर थाना प्रभारी फास्टरपुर, काउंसलर निशा यादव, टीम मेम्बर लक्ष्मी नारायण, संजय कुमार बघेल, हितेश कुमार एवं पुलिस टीम की सहभागिता रही।

चाइल्ड लाइन 24 घंटे चलने वाली राष्ट्रीय इमरजेंसी निःशुल्क फोन के साथ उन बच्चों के लिए आउटरीच सेवा है जिन्हें देखरेख एवं संरक्षण की जरूरत है। किसी बच्चे को आश्रय की जरूरत हो, उनको पीट रहा हो,  अनाथ, गुमशुदा, लापता, शोषित, बाल श्रम, बाल विवाह हो रहा हो, तो चाइल्ड लाइन 1098  में फोन करके बच्चों की मदद की जाती है। उन्होंने बताया कि कोविंड – 19 के प्रभाव से यदि दुर्भाग्यवश यदि किसी बच्चे के माता पिता की मृत्यु हो गई हो या माता पिता कोरोना संक्रमित हों तथा चिकित्सालय में हो या फिर घर पर बच्चों की देखभाल करने वाले कोई न हो तो चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर संपर्क किया जा सकता है।

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