बिलासपुर। हाईकोर्ट व सभी अधीनस्थ न्यायालयों में 17 नवंबर से नियमित सुनवाई शुरू हो जायेगी। जिन स्थानों पर जजों की संख्या अधिक है वहां रोटेशन के आधार पर कोर्ट खोलने की संख्या तय की गई है।
हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी किया गया है। हाईकोर्ट की सभी पीठों में 17 नवंबर से उपस्थिति के साथ नियमित सुनवाई शुरू हो जायेगी। हाईकोर्ट जज अपनी बेंच में कितने मामलों को सुनेंगे, स्वयं ही यह निर्धारित करेंगे। अर्जेंट हियरिंग के केस रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से सम्बन्धित बेंच में भेजा जा सकेगा।
सभी अधीनस्थ न्यायालयों में यह सुनिश्चित किया गया है कि अधिक भीड़ इकट्ठी न हो। रायपुर, बिलासपुर व दुर्ग में उच्च न्यायिक सेवा के 5 व कनिष्ठ सेवा के 7 न्यायिक अधिकारी रोटेशन पर काम करेंगे। जिन अदालतों में तीन से कम जज हैं वहां प्रतिदिन नियमित सुनवाई होगी। चार या अधिक जज होने की स्थिति में 50 प्रतिशत कोर्ट बारी-बारी खुलेंगे। सभी कोर्ट में उतने ही मामले लिस्ट किये जायेंगे जितने उस दिन सुने जा सकेंगे। न्यायालय में सिर्फ उतने ही कर्मचारी बुलाये जायेंगे जितने आवश्यक हैं। इससे अनावश्यक भीड़ को रोका जा सकेगा।
यदि किसी क्षेत्र में कंटेनमेन्ट जोन लागू है तो वहां ऑनलाइन सुनवाई होगी। कोर्ट एवं न्यायालय परिसर पर शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के नियम का कड़ाई से पालन करना होगा।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के चलते अदालती कामकाज पर खासा प्रभाव पड़ा है। हाईकोर्ट में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अधिकांश मामले निपटाये गये। थोड़ी अवधि के लिये प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू की गई लेकिन कोरोना केस बढ़ते गये और हाईकोर्ट भी इससे अछूता नहीं रहा। इसके बाद फिर ऑनलाइन सुनवाई शुरू की गई। अधीनस्थ न्यायालयों में केवल जमानत और अर्जेंट केस सुने जा रहे हैं। इनमें भी ऑनलाइन सुनवाई की व्यवस्था की गई है।
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