एसीएस ने लिखा रेलवे बोर्ड को पत्र

बिलासपुर। रेलवे जोन के अंतर्गत चलने वाली 10 पैसेंजर ट्रेनों को 1 महीने के लिए रद्द करने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है।

मुख्यमंत्री ने रद्द ट्रेनों के बारे में जारी सर्कुलर को साझा करते हुए लिखा है कि रेलवे स्टेशन बेजने के बाद अब मुनाफा कमाने के लिए जनता की तकलीफ को नजरअंदाज करते हुए 10 पैसेंजर ट्रेनों को रेलवे ने 1 महीने के लिए रद्द कर दिया है। ट्वीट को रेल मंत्री को टैग करते हुए मुख्यमंत्री ने इस से जन विरोधी निर्णय पर संज्ञान लेते हुए ट्रेनों को तुरंत बहाल करने की मांग की है।

इस ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय से अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली लोकल ट्रेनों का परिचालन यथावत रखने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जिन 10 लोकल ट्रेनों को 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय रेलवे ने लिया है, इनमें से आठ छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत रेल मार्गों से प्रतिदिन आना-जाना करती हैं। इनका परिचालन बंद करने के पहले किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है। इस समय चैत्र नवरात्र चल रहा है। छत्तीसगढ़ में देवी दर्शन के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना-जाना जारी है। इन स्थानों पर पहुंचने के लिए रेल मार्ग सबसे सुगम एवं महत्वपूर्ण माध्यम है। ऐसी स्थिति में एक साथ ट्रेनों का परिचालन बंद होने से श्रद्धालु व आम नागरिक अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने से वंचित हो गए हैं। प्रदेश में मध्यम एवं निम्न वर्ग के अनेक यात्री हैं, जो प्रतिदिन उक्त ट्रेनों से यात्रा करते हैं। साथ ही प्रतिदिन व्यवसाय, रोजगार एवं शासकीय तथा अर्ध शासकीय सेवा से जुड़े व्यक्ति, स्कूल कॉलेज के छात्र आदि इन ट्रेनों में सफर करते हैं, जिन्हें आने जाने में काफी असुविधा हो रही है। ट्रेनों को बंद करने से ग्रीष्मावकाश में की जाने वाली यात्राओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उपरोक्त स्थितियों को ध्यान में रखते हुए रेलवे जोन बिलासपुर के परिचालन प्रबंधक को निर्देशित किया जाए कि वे 31 मार्च को जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करें।

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर देश में सर्वाधिक आए देने वाला रेलवे जोन है। रेलवे ने इस वर्ष 23000 करोड़ रुपए से अधिक का मुनाफा यहां से अर्जित किया है। इसके बावजूद यहां यात्री सेवाओं को लेकर लगातार उपेक्षा बरती जा रही है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा माल परिवहन करने की होड़ में पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया गया है। रेलवे के अधिकारी यह बताने में असमर्थ हैं कि आखिर कौन सा निर्माण या सुधार कार्य चल रहा है जिसके चलते एक माह के लिए पैसेंजर ट्रेनों को बंद करने की जरूरत पड़ी है। इसके अलावा रेलवे ने अंबिकापुर जबलपुर, अंबिकापुर दुर्ग एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को भी बंद कर दिया है, जिसका भी विरोध हो रहा है।

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