कोयला खनन के लिये राज्य सरकार के प्रस्तावों को स्वीकार किया

रायपुर। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि कोयला मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार के व्यावसायिक कोयला खनन के लिए प्रस्तावित आबंटन में राज्य की पांच कोयला खदानों के स्थान पर तीन अन्य खदानों को शामिल करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ की नौ कोयला खदानें व्यावसायिक कोयला खनन के तहत आबंटन हेतु प्रस्तावित हैं। जोशी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान रायपुर में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की।

इसके बाद जोशी ने कहा कि बैठक बेहद सकारात्मक, प्रगतिशील एवं खुले विचारों से हुई। हमने राज्य में कोयला एवं अन्य खनिजों से जुड़े मुद्दों पर मंत्रणा की। मुख्यमंत्री ने डीएमएफ एवं एनएमईटी को लेकर कुछ अच्छे सुझाव दिए, जिन पर हम सकारात्मक नजरिये के साथ विचार करेंगे।

मुख्यमंत्री के साथ बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), छत्तीसगढ़ सरकार एवं एमएएचएजी ईएनसीओ के अधिकारियों वाली एक समिति से 15 दिनों के अंदर छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) की एक रेलवे लाइन को शिफ्ट करने का प्रस्ताव लिया जाएगा। साथ ही, एएमपीडीआई और छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारी एक महीने के भीतर खनन की गई जमीन पर फ्लाई एश डंप करने का एक प्रस्ताव देंगे। कोयले के फुटकर ग्राहकों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य एक नोडल एजेंसी भी गठित करेगा।

जोशी ने विश्वास व्यक्त किया कि व्यावसायिक कोयला खनन की शुरूआत के साथ छत्तीसगढ़ में प्रगति एवं विकास का एक नया दौर शुरू होगा। व्यावसायिक कोयला खनन के लिए आबंटन हेतु प्रस्तावित कोयला खदानों से राज्य को एक साल में कम से कम 4,400 करोड़ रूपये का राजस्व और 2,000 करोड़ रूपये का न्यूनतम प्रीमियम प्राप्त होगा। साथ ही, राज्य के लोगों के लिए रोजगार के लगभग 60,000 अतिरिक्त अवसर भी पैदा होंगे। इसके अतिरिक्त राज्य को डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाऊंडेशन (डीएमएफ) मद में भी हर साल 25 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिसका उपयोग कोलफील्ड्स के आसपास के क्षेत्रों के समावेशी विकास में किया जाएगा।

एसईसीएल के प्रदर्शन पर समीक्षा बैठक

उन्होंने एसईसीएल के उच्च अधिकारियों के साथ कंपनी के प्रदर्शन की समीक्षा की और कोयला निकासी से जुड़े मुद्दों पर रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने देश में व्याप्त मौजूदा महामारी से उपजी तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच भी पिछले कुछ महीनों में कोल योद्धाओं द्वारा किए गए कठिन परिश्रम की प्रशंसा की। इस दौरान जोशी ने राज्य के स्पंज आयरन एवं स्टील उद्योगों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की और इस क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर उनकी फीडबैक लिया।

चार वर्षों में राज्य को मिलेगा 23 हजार करोड़ का राजस्व

छत्तीसगढ़ के लिए कोयला खनन के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के पास एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान है और यह देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम् भूमिका अदा करता है। साथ ही, कोयला खनन छत्तीसगढ़ की प्रगति एवं विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने में भी मदद करता है। एसईसीएल ने पिछले चार वर्षों में राज्य के कोष में 13,200 करोड़ रूपये से अधिक का राजस्व दिया है। साथ ही, कोयला उत्पादन में बढ़ोत्तरी के साथ एसईसीएल छत्तीसगढ़ को अगले चार वर्षों में लगभग 22,900 करोड़ रुपये के राजस्व का योगदान देगी। एसईसीएल की होल्डिंग कंपनी, सीआईएल की छत्तीसगढ़ में अगले चार वर्षों के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में 26,000 करोड़ रूपये का पूंजीगत निवेष करने की योजना है।

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