रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा में बुधवार को घोषणा की है कि छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन से संबंधित स्वीकृतियां देने की प्रक्रिया फिर से ऑनलाईन की जाएगी। खनिज प्रशासन में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था तथा सुशासन की दृष्टि से इन प्रक्रियाओं को ऑनलाईन किया जा रहा है।

विधानसभा में विधायक राजेश मूणत की ओर से लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए उन्होंने यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री साय ने ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब देते हुए कहा कि पिछली सरकार में खनिज विभाग के संचालक द्वारा 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर यह व्यवस्था दी गई थी कि जिले के खनिज अमले द्वारा ई-परमिट का भौतिक सत्यापन होने के बाद ही ई-ट्रांजिट पास जारी किया जा सकेगा। इस आदेश के माध्यम से इसके पहले जो ऑनलाईन प्रक्रिया थी उसको बंद करके ऑफलाइन किया गया था। इससे प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप शुरू हुआ, भ्रष्टाचार के आक्षेप लगे और परिवहन में भी विलंब हुआ।

ज्ञात हो कि कांग्रेस शासनकाल में ऑनलाइन परमिट की व्यवस्था बंद कर ऑफलाइन सिस्टम शुरू किया था। इसमें 500 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में आईएएस व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों तथा कारोबारियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से ज्यादातर लोग जेल में हैं।
साय ने कहा कि खनिज विभाग में पूर्व में लागू ऑनलाईन व्यवस्था के तहत कोयले के परिवहन हेतु खनिज ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से पट्टेदार द्वारा स्वतः अपने कार्यालय से खनिज परिवहन हेतु ई-परमिट एवं ई-ट्रांजिट पास प्राप्त कर बिना खनिज कार्यालय आए परिवहन की अनुमति मिल रही थी। पिछली सरकार में नवीन ऑफलाईन प्रकिया के लागू होने से ई-टीपी लागू करने में विलंब हुआ और कई कोयला खदानों में निकासी अवरूद्ध होने से रायल्टी की हानि हुई। भारत सरकार ने भी दो बार राज्य सरकार को पत्र जारी कर आपत्ति ली थी। इसके अतिरिक्त मानवीय हस्तक्षेप शुरू होने से अवैध उगाही एवं भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिला एवं प्रदेश की छवि धूमिल हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न संस्थानों ने ऑफलाईन व्यवस्था के संबंध में आदेश को निरस्त करने की लगातार मांग हो रही थी एवं अवैध लेनदेन एवं उगाही का आरोप भी लगा। इसी अनुकम में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच उपरांत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है, जो विचाराधीन है। साथ ही भ्रष्टाचार के मामले में निदेशालय ने एंटी करप्शन, ब्यूरो में प्रकरण दर्ज किया गया है, जो विवेचनाधीन है। उन्होंने कोल परिवहन में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था एवं सुशासन को ध्यान में रखकर खनिज विभाग द्वारा 15 जुलाई 2020 को जारी परिपत्र एवं इसके अनुक्रम में जारी अन्य सभी अनुषंगी निर्देशों को निरस्त करने की घोषणा की।

 

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