बिलासपुर। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय में खालसा पंथ केच चार साहेबजादों की  शहादत को याद करने के लिए 26 व 27 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर डिजिटल एक्सिबिशन का प्रदर्शन स्मार्ट क्लासरूम मे किया गया। वीर बालकों की शहादत पर निबंध प्रतियोगिता, ऑनलाइन क्वीज प्रतियोगिता रखी गई।

इस अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि भावी पीढ़ी कैसी होगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह किससे प्रेरणा ले रही है। वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जा रहा है। अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बच्चों ने अपने आस्था की रक्षा करते हुए प्राण न्यौछावर कर दिए थे। यह उनकी कहानियों को याद करने का भी दिन और यह जानने का भी दिन है कि कैसे उनकी निर्मम हत्या की गई- खासकर जोरावर और फतेह सिंह की। सरसा नदी के तट पर एक लड़ाई के दौरान दोनों साहिबजादों को मुगल सेना ने बंदी बना लिया था।

इस अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि आज का यह दिन युवाओं को अपने अतीत को पहचानने और भविष्य किस तरह निर्माण करना है इसकी प्रेरणा देता है। ऐसे युवाओं को जिन्होंने देश की रक्षा की है, उनके बारे में हमें जानना जरूरी है।

विद्यार्थियों ने वीर बाल दिवस के अवसर पर शहादत से जुड़े अनेक पहलुओं को अपनी कला से उकेरा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ अरविंद तिवारी, शिक्षा विभाग के डॉ. रितेश मिश्रा, रसायन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.  रश्मि वर्मा, डीएसडब्ल्यू डॉ मनीष उपाध्याय एवं विश्वविद्यालय के प्राध्यापक विद्यार्थी मौजूद रहे।

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