फेसबुक लाइव में बोले पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल

बिलासपुर। फेसबुक लाइव में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने नागरिकों के साथ संवाद करते हुए कहा कि आज से 46 वर्ष पूर्व 25 जून को आंतरिक अशांति के नाम पर जिस तरह से संविधान का दुरुपयोग हुआ उसे कभी भूला नहीं जा सकता है। 21मार्च 1977 तक सारे नागरिक अधिकार रद्द कर दिए गए। आज 46 साल बाद भी इसी ऐतिहासिक भूल को दोहराते हुए कांग्रेस की पार्टी अस्तित्व के संकट से गुजर रही है। दूसरी आजादी हमने कांग्रेस से लड़ कर पाई। भारतीय संविधान और लोकतंत्र आज के भाजपा, तब के भारतीय जनसंघ के इतिहास पुरुष अटल-आडवाणी-नानाजी जैसे राष्ट्रवादियों का हासिल किया लोकतंत्र है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण का कमाया लोकतंत्र है यह जिस का आज हम आनंद ले रहे है। आज का लोकतंत्र कांग्रेस के कारण नहीं, बल्कि उसके बावजूद कायम है।

अमर अग्रवाल का कहना है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के ढाई साल हो गए है, जनता ढाई आखर प्रेम को तरस गई है। ढाई साल में ही प्रदेश में उतना कर्ज जनता के ऊपर लाद दिया गया जितना कि भाजपा की सरकार ने 15 वर्षों में लिया। 550 करोड़ रुपए ब्याज के भुगतान में ही खर्च हो जाती है। वित्तीय प्रबन्धन की दृष्टि से प्रदेश सरकार हाशिये पर जा रही है। शराबबंदी की कसमें खाने वाली सरकार के लिए शराब का उद्योग राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। कोरोना के समय भी सरकार दवाई  की जगह घर-घर दारू पहुंचाने का काम कर रही थी।महामारी के समय टीका की आवश्यकता पर और उसकी उपलब्धता पर ध्यान देने की बजाय मोबाइल ऐप में फोटो लगवाने और बेफिजूल की राजनीतिक चाल बाजी में सरकार लगी रही।

अग्रवाल बोले कि छत्तीसगढ़ विशेषकर बिलासपुर भू माफियाओं की शरण स्थली बना हुआ है। एक ही जमीन का सौदा करते दर्जनों दलाल मंडराते रहते हैं। विभागीय अधिकारियों की मिली भगत के साथ शासकीय जमीन कई बार बेच दी जा रही है। शासकीय जमीन पर कब्जा, अवैध प्लाटिंग,  सत्ता के  सहारे लोगों का मकान खाली कराना आम बात हो गई है। राजस्व की कार्यप्रणाली में सुधार की लिए हुक्मरानों से जब बात की जाती है तो वे सुधार करने की बजाय व्यक्तिगत बातें करके मामलों से जानबूझकर अनजान बने रहना चाहते हैं। राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में जनहित में सुधार की आवश्यकता है। राजस्व मंत्री व्यक्तिगत टिप्पणी की बजाय व्यवस्था सुधार पर ध्यांन देंगे तो जनता को राहत मिलेगी।

अग्रवाल ने फेसबुक मित्रों से कहा कि जनप्रतिनिधि होना या नहीं होना यह समय की बात है। शहर में व्यवस्था सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए वह हमेशा उपलब्ध है और नागरिकों के हित के लिए सभी के साथ मिलकर कार्य करते रहेंगे।

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