बिलासपुर। यह अनोखी और छत्तीसगढ़ के कलाप्रेमियों का सीना चौड़ा करने वाली बात है कि फिल्मों और वेब सीरिज के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय प्लेटफॉर्म ‘नेटफ्लिक्स’ पर बिलासपुर के युवक की बनाई फिल्म टॉप पर चल रही है।
फिल्म ‘चमन-बहार’ ने प्रख्यात कवि कुमार विश्वास को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने इस फिल्म के डायरेक्टर अपूर्व धर बड़गैया को खुद ही फोन करके बधाई दी। विश्वास ने इस फिल्म की तारीफ में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाले।
निर्देशन के दौरान अपूर्व धर बड़गैया (बायें)

अपूर्व धर बिलासपुर में बरसों रहे और मूल रूप से सारंगढ़ निवासी मुख्य वन संरक्षक एस डी बड़गैया के सुपुत्र हैं। अन्य अधिकारियों के बेटों की व्यावसायिक प्रवृत्ति से अलग वे कला के क्षेत्र में आ गये। बीते 14 साल से वे मुम्बई में हैं।

छोटे क़स्बों की कहानियाँ कैसे बड़ी फ़िल्मों में तब्दील हो सकती हैं ‘चमन-बहार’ जैसी फ़िल्म हमको बताती है ! हमारी…

Dr. Kumar Vishwas यांनी वर पोस्ट केले रविवार, २१ जून, २०२०

लोरमी ग्राम के एक पाठ ठेले वाले युवक की प्रेम कहानी पर बनी फिल्म चमन-बहार ने इन दिनों धमाल मचा रखा है। जिस तरह ‘नेटफ्लिक्स’ जैसे एक बड़े वेब प्लेटफॉर्म ने उनकी फिल्म को रिलीज़ किया, उसी तरह से इसे एक बड़े प्रोडक्शन हाऊस सारेगामा (एचएमव्ही) ने प्रोड्यूस भी किया है। फिल्म देखकर कुमार विश्वास ने एक पोस्ट डाली। मुंगेली के कवि सम्मेलन को याद किया। अब देशभर के बड़े-बड़े समीक्षक, फिल्मकार अपूर्व का फोन नंबर ढूंढ कर उन्हें बधाई दे रहे हैं।

अपूर्व बताते हैं कि लम्बे संघर्ष के बाद आखिर उन्हें एक बड़ी पहचान मिल गई है। चमन-बहार का नायक गरीब है पर उसके मन में भी एक सपना है। खूबसूरत और अमीर लड़की से प्यार करने का। वह लड़की जब से उसके पान ठेले के पास के घर में रहने आई है उसकी दुकान चल निकलती है। मनचले मंडराते हैं और दुकान से खरीदारी करते हैं। फिल्म की आगे की कहानी और भी रोचक है, जिसके लिये फिल्म देखना जरूरी है। फिल्म अचानक नहीं बनी। इस एक घंटे 50 मिनट की मूवी को तैयार करने में उन्हें सात साल लग गये।

छत्तीसगढ़ में हर साल सौ से ऊपर फिल्में बनती हैं पर उनमें मौलिकता, कथानक और निर्देशन का अभाव होता है। बहुत सी फिल्में मुम्बई की मसाला फिल्मों की ख़राब नकल होती है। इन फिल्मों की सराहना तो दूर समीक्षक उसका जिक्र करना भी जरूरी नहीं समझते। ऐसे दौर में चमन-बहार फिल्म एक उम्मीद जगाती है।

अपूर्व के पिता एसडी बड़गैया कहते हैं कि अपने बेटे को उन्होंने पूरी आजादी दी कि वह जो अच्छा लगता है करे, अपनी पसंद के क्षेत्र में जाये। आज उनके फिल्म की प्रशंसा होते देखकर बड़ी खुशी है। अपूर्व का भी कहना है कि पिता ने उन्हें खुले आसमान पर उड़ने की आजादी दी। कहा- कोशिश करो, सफल, विफल होना बाद की बात है। हर हाल में तुम्हारे लिये दाल-रोटी का इंतजाम तो है ही।

अपूर्व कहते हैं कि उनके दिमाग में ढेर सारे नये-नये स्क्रिप्ट हैं। इस सफलता से उत्साहित हैं। आने वाले दिनों में एक वेब सीरिज तैयार करने में व्यस्त हो जायेंगे।

 

 

 

 

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