जलशक्ति मंत्रालय की ओर से दो चरणों में चलाया जायेगा अभियान, पहला चरण शुरू

बिलासपुर। बिल्हा विकासखण्ड के हाई स्कूल लोफन्दी, हाई स्कुल बुन्देला, ग्राम पंचायत बुन्देला, हायर सेकेण्डरी स्कूल सेंवार एवं ग्राम पंचायत कराड़ में वर्षा जल संग्रहण, वृक्षारोपण एवं जल जनित रोगो पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर भारत सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के स्थानीय क्षेत्रीय लोक सम्पर्क ब्यूरो बिलासपुर के प्रभारी क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी के.व्ही. गिरी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा ‘‘जल शक्ति‘‘ नाम से नए मंत्रालय का निर्माण जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय और पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय का विलय करके किया है। इसके अन्तर्गत देश के 250 जिलों के अधिक प्रभावित 1592 विकास खण्डों पर जोर दिया गया है। यह अभियान दो चरणो में चलेगा। एक जुलाई  से 15 सितम्बर 19 तक पहला और एक अक्टूबर से 30 नवम्बर 19 तक दूसरा चरण चलाया जायेगा।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के लाभ एवं जल संसाधनों की कमी के बारे जागरूकता पैदा करना और भारत के हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि गिरते भूजल स्तर को उपर लाने के लिए हमें वर्षा जल को अधिक से अधिक संग्रहित करने की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में गांव का पानी गांव में एवं शहर का पानी शहर में रोकने की बात को चरितार्थ करने की आवश्यकता है। इसके लिए हम वाटर हार्वेस्टिंग एवं सोख्ता गड्ढा बनवाकर पानी को जमीन के अन्दर पहुंचा सकते है। पर्यावरण के संतुलन के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण एवं उनके संरक्षण की भी आवश्यकता है। तभी बढ़ते तापमान एवं गिरते जल स्तर पर रोक लग सकती है। उन्होंने कहा की इस महत्वपूर्ण कार्य को जन आंदोलन की तरह चलाने की आवश्यकता है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करना चाहिये।
इस अवसर पर उपस्थित ग्रामवासियों एवं छात्र छात्राओं को पीपल, बरगद, कदम एवं नीम के पौधे निःशुल्क दिये गये व पौधे लगाये गये। सभी ने पौधों की पूरी देखभाल की बात एक स्वर में कही।

कार्यक्रम मे जल जनित रोगो के बारे मे बताया गया कि विश्व भर मे 80 फीसदी से अधिक बीमारियो मे प्रत्यक्ष या प्ररोक्ष रूप से प्रदूषित पानी का ही हाथ होता हैं। प्रति घण्टे एक हजार बच्चों की मृत्यु मात्र अतिसार के कारण हो जाती है। यह रोग प्रदूषित जल के कारण होता है। अतः जल की शुद्धता की जांच समय-समय पर करते रहना चहिये।
कार्यक्रम में हाई स्कूल लोफन्दी के प्राचार्य जार्ज लकड़ा, हाई स्कूल बुन्देला की प्राचार्य रेखा पालेश्वर, ग्राम पंचायत बुन्देला के सरपंच भारती कुर्रे, हायर सेकेण्डरी स्कूल सेंवार के प्राचार्य एस. के. शर्मा एवं ग्राम पंचायत कराड़ के सरपंच अश्वनी मिश्रा भी उपस्थित थे।

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उद्यानिकी फसलों के लिये मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू
बिलासपुर 19 जुलाई 2019। राज्य शासन द्वारा चालू खरीफ मौसम में उद्यानिकी फसलों के लिये पुनगर्ठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की गई है। यह योजना सभी 27 जिलों में लागू होगी। राज्य शासन के कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। योजना के अंतर्गत चालू खरीफ मौसम में टमाटर, बैंगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च और अदरक फसल को अधिसूचित किया गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिये राजस्व निरीक्षक मंडल को बीमा इकाई बनाया गया है।
उप संचालक उद्यानिकी श्री रामजी चतुर्वेदी ने आज यहां बताया कि पुनगर्ठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में विपरीत मौसम के कारण उद्यानिकी फसलों को नुकसान होने पर किसानों को क्षतिपूर्ति के रूप में बीमा राशि दी जाएगी। ग्राम पंचायतों के समूहों के आधार पर अलग-अलग जगह स्वचलित मौसम केन्द्र बनाए गए हैं। मौसम केन्द्रों में असामयिक वर्षा, तापमान के उतार-चढ़ाव, आंधी-तूफान सहित अन्य मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के डाटा दर्ज किए जाते हैं।
उन्हांेने बताया कि इस योजना में ऋणी तथा अऋणी (भू धारक एवं बटाईदार) शामिल हो सकते हैं। यह योजना अनिवार्य तथा स्वैच्छिक आधार पर लागू होगी। योजना में शामिल होने के लिये 30 जुलाई 2019 अंतिम तारीख है। योजना के लिये अधिकतम देय प्रीमियम बीमित राशि का 5 प्रतिशत ही किसानों को प्रीमियम के रूप में देना होगा। शेष प्रीमियम राशि 50-50 प्रतिशत के मान से केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत जानकारी उप संचालक उद्यानिकी कार्यालय तथा मैदानी क्षेत्रों में सहायक उद्यान विकास अधिकारियों से प्राप्त की जा सकती है।

 

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