तखतपुर विधायक रश्मि सिंह व जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह पहुंचे सीवीआरयू

बिलासपुर। लोक महोत्सव के दूसरे दिन समूचा छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय के परिसर में नजर आया। लोक कला महोत्सव-2020 में लोक कलाकारों ने देर रात समां बांधे रखा। कलाकारों ने ढोला-मारू, गेड़ी, करमा, सुआ, ददरिया की शानदार प्रस्तुति दी। इसके बाद देवी आराधना के जसगीत ने भक्तिमय माहौल बनाया और अनुज शर्मा नाइट की प्रस्तुति ने देर रात तक समां बांधे रखा।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि तखतपुर की विधायक रश्मि सिंह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे शिक्षा के क्षेत्र में बरसों से काम कर रहे हैं। साक्षरता से लेकर कम्प्यूटर की संचारक्रांति तक और आज विश्वविद्यालयों की स्थापना तक उनका योगदान महत्वपूर्ण है। इसलिए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भुलाया नहीं जा सकता है। विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह ने कहा कि सीवीआरयू कोटा क्षेत्र का गौरव है। यहां के युवा अब उच्च शिक्षा लेकर देश के कोने कोने में रोजगार के साथ खड़े हैं।

कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे कहा कि भारत एक सहिष्णु देश है, जिसमें विश्व की सारी विधाएं संस्कृति समाहित है। छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति को और ऊंचाइयों तक ले जाना है और ऐसे आयोजनों के माध्यम से युवा और अंचल के लोग इसे समझ पाएंगे। कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि लोक कला धरोहर को न केवल संरक्षित करने बल्कि उसे आगे बढ़ाने का दायित्व विश्वविद्यालय का है। लोक कला,संस्कृति महोत्सव कराने वाला यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। शुक्ला ने कहा कि आधुनिकता और पाश्चात्य के फेर में विद्यार्थी न उलझें। इस बात को समझें कि लोक कला और लोक गायन से भी सर्वोच्च शिखर तक पहुंचा जा सकता है। इस अवसर पर सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में अंचल के लोग उपस्थित थे।

कला के साथ जीवन जीना ही वास्तविक जीवन होता है-चौबे

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने कहा कि आज के वैश्विक युग में युवाओं को अपनी लोक कला और संस्कृति की जानकारी होना चाहिए। उनके साथ जीवन जीना ही वास्तविक जीवन होता हैं। उन्होंने कहा कि विवि के लिए यह गौरव की बात है कि आज हमारे बीच छत्तीसगढ़ के विख्यात लोक कलाकार हैं। हमें अपनी ऐसी विरासतों का सम्मान करना चाहिए।

स्वरोजगार की जानकारी भी….

विश्वविद्यालय में रामन लोक कला महोत्सव के दौरान सरकारी विभागों  और निजी संस्थानों ने अपने स्टाल भी लगाए हैं। इस अवसर पर विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने सभी ने उत्पादों की लाइव जानकारी दी जा रही है। इसके साथ सरकारी की योजना नरूवा, गरूआ, घुरवा और बाड़ी के मॉडल को भी सामने रखा गया है। केंद्रीय रेशम बोर्ड ने भी रेशम उत्पादन की लाइव जानकारी दी। मेले में युवाओं ने छत्तीसगढ़ी व्यंजन और झूलों का जमकर आनंद लिया।

 

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