बिलासपुर।रेडिमेड कपड़े बेचने वाले फेरीवाले ने अपने ग्राहक महिलाओं को झांसा दिया कि उनके रुपये तीन माह में दुगने हो जायेंगे। महिलाओं ने  झांसे में आकर सात लाख 44 हजार गंवा दिये। आरोपी को काफी खोजबीन के बाद मुंगेली जिले के एक गांव से गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है।

ग्राम कुली, सीपत निवासी आरोपी रामनारायण वस्त्रकार पिक-अप वाहन में रेडिमेड कपड़े लेकर बिक्री के लिए घूमा करता था। 18 अक्टूबर 2019 को खम्हरिया की विनीता पांडेय की शिकायत पर सीपत थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई कि 14 अप्रैल 2019 को वह गांव पहुंचा। विनीता से उसकी जान-पहचान फेरी लगाने की वजह से हो गई थी। उसने इसी पहचान का हवाला देते हुए झांसा दिया कि वह तीन माह में रुपये दुगना करके देता है। विनीता ने अपने घर के जेवर 50 हजार रुपये में गिरवी रखे और आरोपी रामनारायण को नगद रकम सौंप दी। यह बात उसने अपनी सास चंद्रिका बाई, मां नान्ही दैया, बड़ी बहन सुनीता तिवारी और सहेली सविता महंत को भी बताई। इन सबने और कुछ अन्य रिश्तेदार भी आरोपी रामनारायण के झांसे में आ गये और इन सबने कुल सात लाख 44 हजार रुपये इस भरोसे में उसे सौंप दिया कि उनकी रकम तीन माह में दुगने हो जायेंगे।

पीड़ितों ने जब पैसे की मांग की तो आरोपी उन्हें टालने लगा। प्रार्थी विनीता पांडेय ने पुलिस अधीक्षक के पास इस धोखाधड़ी की शिकायत की। पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने सीपत थाना प्रभारी को अपराध कायम करने का निर्देश दिया। आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज किया गया।

आरोपी को अपराध दर्ज होने की जानकारी मिली तो वह परिवार सहित घर छोड़कर फरार हो गया। सीपत थाना प्रभारी एस. पी. चतुर्वेदी व विवेचक उप निरीक्षक सीएस नेताम लगातार आरोपी की खोज में लगे थे। बीते 10 जनवरी को उसे मुंगेली जिले के फास्टरपुर थाने के झरियापुर गांव में पकड़ लिया गया। उसे गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट बिलासपुर में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

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