बिलासपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने मुख्य वन संरक्षक दफ्तर के वनपाल गजेंद्र गौतम को 50 हजार रुपये की रिश्वत की दूसरी किश्त लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसने आरा मिल लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आरा मिल के मालिक से घूस मांगी थी।

मिली जानकारी के अनुसार उसलापुर में सत्या फर्नीचर के संचालक सत्यव्रत प्रधान की एक आरा मिल भी है। कोविड काल के समय से उन्होंने मिल के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया था। उन्होंने नवीनीकरण के लिए आवेदन लगाकर आरा मिल का संचालन शुरू कर दिया। आरा मिल के बिना लाइसेंस संचालित होने की जानकारी होने पर सीसीएफ ऑफिस का वनपाल गजेंद्र गौतम 29 सितंबर को प्रधान के पास पहुंचा और लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के लिए कहा। इसके लिए उसने 50 हजार रुपये खर्च आने की बात की। उसी दिन वह प्रधान से 33 हजार 800 रुपये लेकर चला गया। लाइसेंस नवीनीकरण के लिए बड़ी रकम की मांग होने पर प्रधान ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों से कर दी। शेष रुपये उन्होंने दीपावली के बाद दे पाने की बात कही। त्यौहार के बाद बची हुई रकम 16 हजार 200 रुपये को लेने के लिए वनपाल ने फिर पहुंचने की बात कही। आरा मिल मालिक सत्यव्रत प्रधान ने इसकी सूचना एसीबी को दे दी। इसके बाद आज रुपये लेने के लिए वनपाल आरा मिल पहुंच गया। वहां जैसे ही नगद रुपये आरामिल मालिक ने वन पाल को दिया, एसीबी की टीम ने पहुंचकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। उसे हिरासत में ले लिया गया है और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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