बिलासपुर। पूर्व सैनिकों का संगठन ‘सिपाही’ कल 7 मार्च से उन युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए शिविरों का आयोजन कर रहा है जिन्हें सेना में जाकर राष्ट्र की सेवा करने का जज़्बा है। इस संगठन का कहना है कि छत्तीसगढ़ के युवाओं का अनुपात भारतीय सेना में बहुत कम दो प्रतिशत है, इसकी वजह उनकी क्षमता और योग्यता में नहीं बल्कि आत्मविश्वास में कमी है।

सिपाही (Soldiers independent pro-active alliance to honor India) बिलासपुर संभाग के पूर्व सैनिकों का संगठन है, जो पिछले कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ के उन युवाओं को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन देने का काम करता है जो सेना में जाना चाहते हैं। इसके अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह राणा, उपाध्यक्ष संतोष साहू व अन्य पदाधिकारियों ने आज बिलासपुर प्रेस क्लब में बताया कि सात मार्च से बिलासपुर के रेलवे ग्राउन्ड, पुलिस ग्राउन्ड, सरकंडा तथा अमेरी, मंगलवा व उसलापुर में, कोरबा के घंटाघर स्थित एसईसीएल के हेलिपैड में तथा लोरमी (मुंगेली जिला) के ग्राम झापल में युवाओं को शारीरिक व मानसिक प्रशिक्षण देने की शुरूआत 7 मार्च से शुरू किया जा रहा है। इसे मिशन वज्र नाम दिया गया है। ये प्रशिक्षित युवा 16 अप्रैल को होने वाली सेना भर्ती रैली में शामिल होकर अपना प्रदर्शन बेहतर कर सकेंगे, जिससे इनको सेना में जाने का अवसर मिलेगा।

राणा ने कहा कि भारतीय सेना में छत्तीसगढ़ के युवा सिर्फ दो प्रतिशत है जबकि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान जैसे कई राज्य हैं जहां हर घर से एक सैनिक है। छत्तीसगढ़ के युवाओं में कोई कमी नहीं है। हमारे यहां का भोजन पर्याप्त पौष्टिक है और उनमें फिटनेस भी है। मार्गदर्शन और आत्मविश्वास की कमी होने के कारण लोग सेना में जाने से चूक रहे हैं। देश प्रेम की भावना है कि तो आप सेना में जा सकते हैं। हम इसी दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

सिपाही संगठन ने फोन नम्बर जारी कर इच्छुक युवाओं को सम्पर्क करने कहा है।

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