बिलासपुर। कोरोना संकट के चलते आर्थिक संकट का सामना कर रहे जूनियर अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता एवं ब्याज मुक्त कर्ज दिलाने की मांग पर दायर की गई याचिका पर आज हाईकोर्ट में वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि छत्तीसगढ़ बार कौंसिल और राज्य सरकार दोनों ने नियत समय पर अपना जवाब प्रस्तुत नहीं किया। अब इसकी सुनवाई अगले सप्ताह तय की गई है।

ज्ञात हो कि प्रदेश की अदालतों में लॉकडाउन के कारण कामकाज पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। अधिवक्ता राजेश केशरवानी की ओर से जूनियर अधिवक्ताओं की सहायता के लिए बार कौंसिल को निर्देश देने के लिये एक याचिका दायर की गई थी, जिसकी सुनवाई आज जस्टिस प्रशान्त मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की डबल बेंच ने वीडियो कांफ्रेंस से की। कोर्ट में बार कौंसिल की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया और बताया गया कि अभी मदद प्राप्त करने के लिये प्राप्त आवेदनों की सूची बनाई जा रही है। राज्य सरकार की ओर से भी जवाब नहीं आया। दोनों को ही जवाब देने के लिए समय दिया गया है और अगले सप्ताह अगली सुनवाई तय की गई है।

याचिकाकर्ता के वकील संदीप दुबे ने बताया कि कोर्ट ने छत्तीसगढ़ बार कौंसिल से जानना चाहा कि बार कौंसिल व अधिवक्ता कल्याण के लिए बनी ट्रस्टी कमेटी ने अब तक क्या योजना बनाई है, इस पर जवाब क्यों नहीं आया। कोर्ट ने सरकार की ओर से भी जानना चाहा कि वह वकीलों के लिए क्या कर रही है। बार कौंसिल के अधिवक्ता सौरभ पांडेय व एडवोकेट जनरल को अगले सप्ताह तक जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

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