बिलासपुर। हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के चुनाव में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल को 10 दिन के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता उत्तम पांडेय ने सन् 2019-21 के कार्यकाल के लिये हुए बार एसोसियेशन के अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष के चुनाव में गड़बड़ी को लेकर प्रथम अपीलीय समिति में शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने के लिये अपीलीय समिति के समक्ष अध्यक्ष बार-बार नोटिस दिये जाने के बावजूद उपस्थित नहीं हुए। इस पर शिकायत की जांच करते हुए अपीलीय समिति ने अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष को पदों से निष्कासित करने का आदेश पारित किया। प्रथम अपीलीय समिति के आदेश को अध्यक्ष सीके केशरवानी ने स्टेट बार काउंसिल के समक्ष चुनौती दी। अधिवक्ता पांडे के अनुसार काउंसिल ने गलत तरीके से केशरवानी को आगामी आदेश तक के लिये स्थगन दे दिया। इस प्रकार का स्थगन अधिकतम 6 माह के लिये दिया जा सकता है। यह अवधि मई माह में समाप्त हो चुकी है पर काउंसिल ने कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि बार एसोसियेशन का मौजूदा कार्यकाल भी 15 अक्टूबर को समाप्त हो जायेगा। काउंसिल द्वारा जानबूझकर कार्यकाल पूरा करने के लिये अध्यक्ष केशरवानी पर फैसले को टाला जा रहा है।

इन बिन्दुओं को लेकर हाईकोर्ट में उत्तम पांडेय ने याचिका दायर की। जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वकीलों के बीच इस तरह के विवाद का अच्छा संदेश नहीं जाता। स्टेट बार काउंसिल को कोर्ट ने 10 दिन के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है।

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