स्टाफ नर्स के 2 पद रिक्त रखे जाएंगे

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज कांकेर में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के 300 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने का रास्ता साफ कर दिया है।
सुखमती नाग एवं अन्य के द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर बताया गया था कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कांकेर में तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी की भर्ती विभिन्न पदों जैसे स्टाफ नर्स टेक्नीशियन लैब टेक्नीशियन एवं वृत्तीय इत्यादि पदों पर नियुक्ति की जा रही है, जो नियम के विरुद्ध है। उपरोक्त पदों में से कुछ की नियुक्ति जारी कर दी गई है और आरक्षण नियम का पालन भी नहीं किया जा रहा है जबकि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के डिवीजन बेंच ने 58% संशोधन आरक्षण को निरस्त कर दिया था। अतः राज्य सरकार को आदेश दें कि 50% आरक्षण के साथ नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करे। उच्च न्यायालय में राज्य सरकार व मेडिकल कालेज द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा बताया गया कि जिला स्तरीय संभाग स्तरीय पदों की भर्ती कनिष्ठ चयन आयोग द्वारा किया जा रहा है। राज्य में दो प्रकार के आरक्षण लागू होते हैं जिसमें राज्य स्तर से राज्य के लिए जारी पदों पर 2011 के आरक्षण संशोधन के बाद 50% से 58% किया गया था। उसी प्रकार जिला व संभाग स्तर के पदों के लिए बस्तर, सरगुजा एवं अन्य क्षेत्रों में आरक्षण का प्रतिशत 58 से 82% किया गया था। डिवीजन बेंच ने अपने आरक्षण संबंधी प्रकरण में फैसला सुनाते हुए राज्य स्तर पर 58% संशोधन आरक्षण को निरस्त कर दिया था। साथ ही साथ सरगुजा, जशपुर, बैकुंठपुर, सूरजपुर आदि में आरक्षण रोस्टर को 2011 के बाद बढ़ाया गया था, उसे निरस्त कर दिया। बस्तर के आरक्षण को यथावत रखा गया इसलिए कनिष्ठ चयन आयोग बस्तर संभाग के लिए संशोधित आरक्षण रोस्टर का पालन कर नियुक्ति कर रहा था। प्रकरण में पूर्व में उच्च न्यायालय से नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी व अनीश तिवारी द्वारा पक्ष रखा गया। राज्य सरकार का पक्ष उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने रखा। उन्होंने राज्य सरकार के पारित स्थगन आदेश के विरुद्ध आवेदन प्रस्तुत कर बताया गया कि बस्तर संभाग के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान है। उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने उस प्रावधान को निरस्त नहीं किया था। यह बताया गया कि उच्चतम न्यायालय ने एक मई को चल रही नियुक्ति पर आगे की कार्रवाई जारी रखने का आदेश पारित किया था। इसके अलावा नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा जल्द ही शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कांकेर का निरीक्षण किया जाना है, जिससे अगले वर्ष चिकित्सा निरंतर जारी रहे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति सचिन सिंह राजपूत ठीक है कल पीठ ने आदेशित किया गया कि स्टाफ नर्स के 2 पदों को रिक्त रखा जाए तथा अन्य पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र जारी कर दी जाए ।

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