सीवीआरयू में हिंदी दिवस पर चार दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ

बिलासपुर।  डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस के अवसर पर चार दिवसीय कार्यशाला का प्रारंभ हुआ। पहले दिन हिंदी भाषा की वैज्ञानिकता एवं यात्रा विषय पर कार्यशाल रखी गई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया रायपुर के सहायक महाप्रबंधक अभिजीत शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था, कि हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जो इस विविधता भरे देश में एकता के सूत्र में बांधे रख सकती है।

उन्होंने कहा कि आजादी के पूर्व से ही हिंदी का अपना अलग सम्मान है। सुभाष चंद्र बोस ने 1928 में यह कह दिया था , कि देश जब भी आजाद होगा, लेकिन इसकी राष्ट्रभाषा हिंदी ही होगी। उन्होंने बताया कि आज संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी वेबसाइट और ट्विटर भी हिंदी में बनाया है। इसके साथ दुनिया भर में हिंदी में पढ़ाई होती है। इंटरनेट में 94% कंटेंट प्रति वर्ष हिंदी के बढ़ते जा रहे हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि हिंदी का एक अपना वैश्विक स्थान है। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में उपस्थित बिलासा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ तारणीश गौतम ने कहा कि हम हिंदी के बारे में चर्चा करने से पहले संस्कृत में की यात्रा को समझना होगा। उन्होंने सनातन काल से लेकर गुरुकुल और मैकाले तक की शिक्षा प्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब पढ़ाई गुरुकुल तक थी तब तक देश में बेरोजगारी नहीं थी, लेकिन जब से मैकाले की शिक्षा पद्धति आई बेरोजगारी आ गई। डॉ. गौतम ने कहा कि हमने अपने भाषा के प्रति मोह छोड़ दिया है, लेकिन इसके बाद भी भारत में आज संपर्क भाषा के रूप में हिंदी प्रथम स्थान पर है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि आज यह तय करने की जरूरत है कि हम हिंदी को विषय के रूप में बढ़ते हैं या भाषा के रूप में। जिन विषयों को विषय के विशेष रूप में पढ़ा जाता है। उसकी पढ़ाई के बाद को विद्यार्थी डॉक्टर इंजीनियर और अन्य डिग्री प्राप्त करता है ,लेकिन हिंदी को लेकर आज भी इस पर चिंतन की जरूरत है।

विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ अरविंद तिवारी ने कहा कि विश्वरंग के माध्यम से हमें वैश्विक स्तर पर हिंदी को स्थापित करने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि संस्कृति को जीवित रखना है तो भाषा को बचाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने संकल्प लिया है कि वह हिंदी को पोषित करेंगे और जन-जन तक पहुंचाएंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के की सम कुलपति डॉ जयति चटर्जी सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी प्राध्यापक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिंदी भाषा हम सब की शक्ति है। भाषा को समृद्ध बनाने के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम शिक्षण संस्थानों की ही है। विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। साथ ही आगे इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन के पाठ्यक्रमों को हिंदी में प्रारंभ करने के लिए एआईसीटीई के दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा।

दूसरी ओर सितंबर से 15 सितंबर तक चल रहे स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत विश्व विद्यालय में विद्यार्थियों ने वृहद सफाई सफाई अभियान चलाया। इस दौरान विद्यार्थियों ने पूरे विश्व विद्यालय कैंपस की सफाई की और सभी को स्वच्छता के लिए जागरूक भी किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद थे।

 

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