10 साल तक विभागीय जांच लंबित रखने पर डीएसपी ने लगाई थी याचिका

बिलासपुर। उप पुलिस अधीक्षक के खिलाफ 10 वर्ष तक विभागीय जांच लंबित रखने और निराकरण के लिए हाईकोर्ट से जारी आदेश का पालन नहीं करने के एक मामले में गृह सचिव सुब्रत साहू और तत्कालीन डीजीपी डीएम अवस्थी ने हाईकोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है।

डीएसपी निकोलस खलको सन 2007 में बिलासपुर जिले के तखतपुर थाने में पदस्थ थे। उनके खिलाफ इस दौरान एक शिकायत मिली। तब आईजी बिलासपुर ने 2009 में उन्हें आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच शुरू की। 10 साल बाद सन् 2019 में गृह विभाग के सचिव ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया और दंड का आदेश पारित करने के बारे में जवाब मांगा। उक्त विभागीय जांच की कार्रवाई में अत्यधिक विलंब से पीड़ित होकर डीएसपी खलखो ने अधिवक्ता अभिषेक पांडे एवं घनश्याम शर्मा के जरिए हाई कोर्ट में एक रिट याचिका लगाई। 16 जुलाई 2019 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि विधि के अनुसार प्रकरण का अंतिम निराकरण करें। इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। तब खलखो ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। अवमानना की नोटिस मिलने के बाद सचिव और पूर्व डीजीपी ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध विभागीय जांच की कार्रवाई को निरस्त कर दिया। 29 अगस्त को अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट में यह गंभीर आपत्ति लगाई कि गृह सचिव और तत्कालीन डीजीपी ने निर्धारित समय पर हाईकोर्ट के आदेश का पालन न कर अवमानना याचिका दायर होने की प्रतीक्षा की। हाई कोर्ट की अवमानना नोटिस जारी होने के डेढ़ साल के बाद आदेश का पालन किया गया है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया। इस पर गृह सचिव साहू और तत्कालीन डीजीपी अवस्थी ने बिना शर्त माफीनामा हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया जिसके बाद याचिका का निराकरण किया गया।

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